WHO advisory on Monkeypox: कोविड-19 का प्रकोप अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि मंकीपॉक्स के रूप में एक नई मुसीबत दुनिया को अपने चपेट में लेती दिख रही है। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को चौकन्ना कर दिया है। इस नए संकट को लेकर डब्ल्यूएचओ ने देशों और उस समूह के लोगों को आगाह किया है जो इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपॉक्स की चपेट में सबसे ज्यादा वे पुरुष (गे) आए हैं जिन्होंने पुरुषों से शारीरिक संबंध बनाया है। डब्ल्यूएचओ ने यौन साथियों की संख्या सीमित रखने की सलाह दी है।
78 देशों से मंकीपॉक्स के 18,000 मामले मिले
टेड्रोस ने बुधवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ को 78 देशों से मंकीपॉक्स के 18,000 मामले मिले हैं। इनमें से 70 प्रतिशत केस यूरोप में और 25 फीसदी अमेरिका में मिले हैं। मंकीपॉक्स की शुरुआत गत मई में हुई और इसके बाद इस संक्रमण से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इससे संक्रमित होने वाले करीब 10 प्रतिशत लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
पुरुषों के बीच शारीरिक संबंध पर खतरा अधिक
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि मई में मंकीपॉक्स का प्रकोप शुरू होने के बाद से इससे जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें से 98 प्रतिशत 'गे', 'बाइसेक्शुअल' और अन्य पुरुष हैं, जो पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। उन्होंने जोखिम के दायरे में आने वाले लोगों से खुद को बचाने के लिए कदम उठाने की अपील की है।
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यौन साथियों की संख्या कम करने की सलाह
गत शनिवार को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदानोम गेब्रेयेसेस ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित की। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ी सुरक्षा खुद को इसके दायरे में आने से रोकना है। उन्होंने कहा, 'ऐसे लोग जो पुरुषों के साथ सेक्स करते हैं वे अपने यौन साथियों की संख्या कम करें।'
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भारत सरकार ने भी जारी की है गाइडलाइन
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार अगर किसी व्यक्ति की बीते 21 दिनों में ऐसे किसी देश की ट्रैवल हिस्ट्री है, जहां पर मंकीपॉक्स का संक्रमण है, तो उसे इन बातों का खास तौर से ध्यान देना जरूरी है। यदि शरीर पर सूंजे हुए लिम्फ नोड या ग्रंथियां मिलने, बुखार, सिर दर्द, शरीर दर्द, कमजोरी लगना, शरीर पर रैशेज के लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह को दी गई है।