- दुश्मनों जैसा व्यवहार करता है चीन- जर्मन नेवी चीफ
- अफ्रीका और दूसरे देशों का उदाहरण दुनिया के सामने
- चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट की आलोचना
चीन की विस्तारवादी नीति से दुनिया के अलग अलग देशों में अलग अलग तरह की चिंता है। जर्मन नौसेना के वाइस एडमिरल कायचिम सोबैक का कहना है कि यह मानने में कोई गुरेज नहीं है कि चीन दुश्मन नंबर 1 है। नई दिल्ली में एक विचार मंथन में उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताने या कहने में किसी तरह का डर नहीं है कि किस तरह से चीन का व्यवहार दुश्मनी वाला है, हालांकि इस तरह का खतरा हम लोगों के लिए नहीं है। आज सबसे जरूरी बात यह स्वीकार करने की है कि किस तर अफ्रीका या दुनिया के अलग हिस्सों में चीन ने अपने प्रभाव को बढ़ाया है।
मर्केल पहले चीन के पक्ष में थीं लेकिन बाद में..
जर्मन नेवी चीफ ने कहा कि बहुत से देशों का मानना है कि मदद के नाम पर दूसरे देशों में चीन हस्तक्षेप करने की कोशिश करता है। अगर बात करें मर्केल की करें तो वो शुरू में चीन का समर्थन करती थीं। लेकिन बाद में उन्हें महसूस किया कि चीन किसी गुप्त एजेंडे पर काम कर रहा है। मर्केल कहती हैं कि वो 5जी तकनीक के लिए चीन के हुवावेई के साथ जाएंगी। हमें किसी तरह की दिक्कत अगर जर्मनी में चीन इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है। हमें चीन से रोबोटिक की खरीद में भी किसी तरह की समस्या नहीं थी। लेकिन कहीं न कहीं हमने इन तथ्यों को नजरंदाज किया जो दूसरे देश चीन को लेकर अपनी चिंताओं को जाहिर करते थे।
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कूका रोबोटिक्स के साथ चीन ने किया खेल
जर्मन नेवी चीफ ने बताया कि किस तरह से उनके देश की रोबोटिक्स कंपनी का चीन ने अधिग्रहण कर लिया। उनके मुताबिक कूका रोबोटिक्स का यूरोप में सबसे अग्रणी थी और वो चीन में भी अपना व्यापार कर रही थी। लेकिन हमें नुकसान हुआ। पूरी की पूरी तकनीक चीन चली गई और हमें उसका रिटर्न नहीं मिला।हम लोगों की नजर में चीन बेहतरीन देश नहीं है, हमें ऐसा लगता है कि मित्र देश की तुलना में चीन दुश्मन ज्यादा है।