- इटली की सरकार का कहना है कि गुला ने देश छोड़ने में मदद की मांग की थी
- तालिबान राज कायम होने के बाद अफगानिस्तान से शरणार्थियों को निकाल रहे हैं यूरोपीय देश
- पहली बार 1984 में अफगान युद्ध के समय शरबत गुला की तस्वीर मैगजीन के कवर पर छपी
नई दिल्ली : नेशनल ज्योग्राफिक के कवर पेज पर छपने के बाद दुनिया भर में मशहूर हुई शरबत गुला को अफगानिस्तान से निकालकर इटली ले जाया गया। इटली की सरकार ने गुरुवार को बताया कि पश्चिमी देशों की तरफ से अफगानिस्तान से नागरिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत शरबत को रोम लाया गया है। नेशनल ज्योग्राफिक वर्षों पहले शरबत की तस्वीर अपने कवर पेज पर छापी थी। शरबत अपनी हरे आंखों की वजह से दुनिया भर में मशहूर हो गईं।
गुला ने मदद मांगी थी-इटली
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के कार्यालय ने कहा कि शरबत गुला ने देश छोड़ने में मदद करने के लिए कहा था। उनके इस अनुरोध के बाद इटली ने गुला को अफगानिस्तान से निकाले जाने की व्यवस्था की। बयान में कहा है कि अब इटली की सरकार शरबत का जीवन पटरी पर लाने में उनकी मदद करेगी।
अफगान युद्ध के समय छपी थी तस्वीर
अफगान युद्ध के समय 1984 में युद्ध की रिपोर्टिंग करने वाले फोटोग्राफर स्टीव मैकरी ने शरबत की तस्वीर खींची थी। मैगजीन के कवर पेज पर तस्वीर छपने के बाद शरबत अपनी हरे आंखों की वजह से दुनिया भर में लोकप्रिय हो गईं। मैकरी ने दोबारा 2002 में शरबत को ढूंढ निकाला।
पाकिस्तान से काबुल लाई गईं
साल 2014 में शरबत पाकिस्तान में दिखाई दीं लेकिन अधिकारियों ने उन पर पाकिस्तान की फर्जी पहचान हासिल करने का आरोप लगाया और उन्हें वापस अफगानिस्तान भेजने का आदेश दिया। इसके बाद वह छिप गईं। बाद में शरबत को हवाई जहाज से काबुल ले जाया गया। अफगानिस्तान पहुंचने पर राष्ट्रपति महल में उनका सम्मान हुआ। राष्ट्रपति ने उन्हें रहने के लिए एक नया अपार्टमेंट सौंपा।
अफगानिस्तान से लोगों को निकाल रहे हैं पश्चिमी देश
अफगानिस्तान पर तालिबान का राज कायम होने के बाद इटली सहित यूरोप के कई देश अफगानिस्तान से शरणार्थियों एवं जरूरतमंद लोगों को निकाल रहे हैं। द्राघी के कार्यालय ने कहा कि अफगानिस्तान में काम करने वाले एनजीओ एवं सिविल सोसायटी के लोगों ने देश से बाहर निकालने के गुला के अनुरोध का समर्थन किया था जिसके बाद इटली ने इस दिशा में कदम उठाया।