Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब पर विवाद छिड़ा हुआ है। इस पर सियासी बवाल की स्थिति बनी हुई है तो यह मसला अब कोर्ट में पहुंच चुका है। देश में बहुत से लोग हैं, जो इस मामले में कर्नाटक सरकार के रुख का समर्थन कर रहे हैं तो ऐसे भी लोग हैं, जो इस मामले में छात्राओं का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के अलग-अलग देशों में हिजाब या परंपरागत इस्लामिक लिबासों को लेकर क्या स्थिति है?
फ्रांस, रूस, चीन, डेनमार्क सहित दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां हिजाब और अन्य परंपरागत इस्लामिक परिधानों को लेकर अलग-अलग नियम हैं। कहीं इन पर पूरी तरह पाबंदी है तो कहीं जुर्माने का भी प्रावधान है। यहां जानिये किस देश में इन लिबासों पर क्या स्थिति है?
चीन
इस मामले में सबसे पहले भारत के पड़ोसी मुल्क चीन की ही बात करें तो यहां धार्मिक पहचान को सुनिश्चित करने वाले किसी भी परिधान को पहनकर स्कूल या सरकारी कार्यालयों में जाने की अनुमति नहीं है। यहां स्कूलों में हिजाब पर भी बैन लगा हुआ है।
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फ्रांस
यूरोप में फ्रांस पहला देश है, जिसने स्कूलों में लड़कियों के हिजाब पहनने पर रोक लगाया थ। यहां 2004 से ही यह प्रतिबंध लागू है। इसके बाद साल 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर भी चेहरा ढकने पर रोक लगा दिया गया। यहां इस पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। अगर कोई फ्रांस में हिजाब पहनता है या पूरी तरह से चेहरा ढकता है तो उस पर भारतीय मुद्रा में करीब 12 हजार रुपये का जुर्माना भी किया जा सकता है। वहीं महिलाओं को इसके लिए बाध्य करने वालों पर जुर्माने की यह राशि लगभग दोगुनी हो जाती है।
डेनमार्क
डेनमार्क में भी चेहरा ढकना गैर-कानूनी है। यहां 2017 से सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लागू है। इस नियम की अवहेलना करने पर यहां भी जुर्माने का प्रावधान है और यह राशि भारतीय मुद्रा में तकरीबन 12 हजार रुपये की हो सकती है।
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रूस
रूस में भी हिजाब पर बैन लगा हुआ है। यहां सरकार ने 2012 में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने पर बैन लगाया था, जिसके बाद यह मसला अदालत में भी गया था। लेकिन कोर्ट ने भी इस मामले में सरकार के फैसले को जायज ठहराया, जिसके बाद से यहां हिजाब पर बैन लागू है।