- हांगकांग में कोरोना के ओमिक्रॉन संस्करण ने मचाई तबाही
- अस्पतालों में जगह नहीं, खुले में इलाज कराने को मजबूर हैं लोग
- हांगकांग में कोविड टीकाकरण भी कम हुआ है
नई दिल्ली: भारत में भले ही कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार कम हो गई हो लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस अभी भी कहर मचा रहा है। इस बीच हांगकांग में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है और इस वजह से यहां स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। ओमिक्रॉन ने यहां घातक रूप ले लिया है जिस वजह से यहां के अस्पतालों और क्वारंटीन सेंटरों में लोगों को जगह नहीं मिल रही है। यहां कोविड की वजह से प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया है।
अस्पतालों में जगह नहीं
कोरोना ने कहर ऐसा मचाया है कि अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं मिल रही है और लोगों का इलाज अस्पताल के बाहर किया जा रहा है। भारत में जहां आसानी से कोविड टेस्ट हो रहे हैं वहीं हांगकांग की हालात ये है कि वहां लोगों को टेस्ट के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है या लंबी लाइनों में खना होना पड़ रहा है। हांगकांग के अलग अलग हिस्सों में लॉकडाउन लगा हुआ है कोविड के मरीजों में ज्यादातार लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं।
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तो ये रही वजह
दरअसल कुछ समय पहले हांगकांग में लूनर न्यू ईयर (Lunar New Year) पर सार्वजनिक जगहों पर लोगों का जमावड़ा लग गया था और कई जगहों पर खूब भीड़ देखी गई थी। इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में जबरस्त उछाल देखने को मिला और इस महीने डेली संक्रमण के मामलों में करीब 60 गुना तक की वृद्धि देखने को मिली है। चीन में तो हांगकांग के लोगों को एंट्री देने पर बैन लगा दिया गया है।
सुस्त है टीकाकरण की रफ्तार
सरकार कोविड की टेस्टिंग क्षमता और क्वारंटीन सुविधाओं के त्वरित निर्माण में जुटी हुई है और अब एक अस्थायी मेगा-अस्पताल बनाने के लिए जगह खोजने के लिए हाथ-पांव मार रही है। सरकार लोगों से भी मदद करने का आह्वान कर रही है। जैसे- जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे स्वास्थ्य संकट भी गहरा रहा है। हांगकांग में दुनिया में सबसे कम टीकाकरण दर है, और आलोचकों का कहना है कि प्रभारी लोगों ने उन संख्याओं को बढ़ावा देने के लिए बहुत कम काम किया है।
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