- अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की हुई हार
- जो बिडेन का 273 इलेक्टोरल कॉलेज पर कब्जा, ट्रंप को मिले 214 वोट
- जो बिडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसका औपचारिक ऐलान हो चुका है। जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को परास्त कर दियैा है। इन सबके बीच हम बताएंगे कि अमेरिका में जब कोई पूर्व राष्ट्रपति हो जाता है तो उसकी जिंदगी में क्या किसी तरह का बदलाव आता है या वो सामान्य इंसान की तरह जिंदगी जीते हैं। इस सवाल का जवाब यह है कि पद पर रहते हुए या ना रहते हुए भी अमेरिकी राष्ट्रपतियों की जिंदगी सामान्य नहीं रहती है।
अकेले ड्राइविंग नहीं कर सकते हैं पूर्व राष्ट्रपति
अगर अमेरिकी व्यवस्था को देखा जाए तो राष्ट्रपति पद पर आसीन शख्स और पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा में ज्यादा फर्क नहीं रहता है, सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स साए की तरह लगे रहते हैं, पूर्व राष्ट्रपति को अगर कहीं जाना होता है तो उन्हें जानकारी देनी होती है। सबसे बड़ी बात है कि वो भीड़भाड़ वाली जगहों पर अकेले ड्राइव नहीं कर सकते हैं। दरअसल जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद इसमें बदलाव किया गया। कभी कभी सुरक्षा के इतने तामझाम की वजह से बराक ओबामा अपनी खीझ निकाल चुके हैं। लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों को सुरक्षा के नियमों का पालन करना ही होता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर मिलती है जानकारी
अमेरिकी राष्ट्रपति जब अपने पद से हट जाता है तो भी उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अहम जानकारी मिलती रहती है। ऐसा कई बार देखा गया है कि सत्तासीन राष्ट्रपतियों ने सलाह ली है । हालांकि एक बार इस बात पर विवाद हुआ कि डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वो बराक ओबामा को जानकारी नहीं देंगे। लेकिन बाद में उन्होंने इस विषय पर सफाई देते हुए कहा था कि इसमें किसी तरह की सच्चाई नहीं है।
पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर लाइब्रेरी
जब कोई शख्स राष्ट्रपति पद से हट जाता है तो उसके बाद उसके नाम पर पब्लिक लाइब्रेरी बनाई जाती है। 1955 प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरीज ऐक्ट में इस तरह की व्यवस्था की गई थी। इस लाइब्रेरी में संबंधित शख्स के राष्ट्रपति के तौर पर लिए गए फैसलों और उनके कार्यकाल की प्रमुख घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है। राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने अपने कार्यकाल में हुए विश्व प्रसिद्ध वॉटरगेट कांड से संबंधित जानकारियां छिपाने की कोशिश कीं थी उसके बाद लाइब्रेरी सिस्टम को लाया गया।