- मंगलवार को तीन दिन के दौरे पर चीन रवाना प्रधानमंत्री इमरान खान, शी जिनपिंग से मिलेंगे
- जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्यांग से मुलाकात के समय जनरल बाजवा भी रहेंगे मौजूद
- कश्मीर मसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाकाम हो चुका है पाकिस्तान, मुश्किल घड़ी में उसे चीन की आई याद
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने तीन दिन के दौरे पर मंगलवार को चीन रवाना होंगे। अब यह खबर आई है कि कि इमरान की चीन के नेताओं से मुलाकात के दौरान उनके साथ सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी मौजूद होंगे। चीन दौरे में इमरान के साथ बाजवा की मौजूदगी यह दर्शाएगी कि पाकिस्तान की विदेश नीति और अहम मसलों में सेना का दखल कितना है। बताया जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान के बीच सीपेक सहित क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होनी है। इमरान की यह यात्रा जिनपिंग के भारत दौरे से ठीक पहले हो रही है।
टाइम्स नाउ को मिली जानकारी के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्यांग के साथ इमरान की मुलाकात के समय जनरल बाजवा भी मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान की प्रतिष्ठानों में सेना की दखल तो पहले से है लेकिन बीजिंग के साथ अहम मुद्दों और नीतियों पर होने वाली बातचीत से सेना खुद को दूर नहीं रखना चाहती। हाल के दिनों में जनरल बाजवा ने पाकिस्तान की शीर्ष कारोबारियों के साथ बैठक की है।
जिनपिंग के नेपाल और भारत दौरे से ठीक पहले इमरान चीन की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी पीएम चीनी राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। चर्चा यह भी है कि इस यात्रा के दौरान इमरान चीन की महात्वाकांक्षी परियोजना चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपेक) के तहत परियोजनाओं के विस्तार, कृषि, उद्योग एवं अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बात करेंगे। चीन के साथ कारोबार बढ़ाने के लिए इमरान बीजिंग में दोनों देशों के कारोबारियों को संबोधित कर सकते हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा ऐसे समय हो रही है जब कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नाकाम हो चुका है। चीन पाकिस्तान का 'सदाबहार मित्र' है। वह पाकिस्तान को मुश्किल और संकट के समय से हमेशा बाहर निकालता आया है। भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे का प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद चीन सबसे पहले इस्लामाबाद के समर्थन में आया। पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में कश्मीर पर अनौपचारिक बैठक बुलाई लेकिन वह इस बैठक से कोई बयान जारी नहीं करा सका। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में उसने कश्मीर मसले का जिक्र किया।
समझा जाता है कि इमरान खान और जनरल बाजवा कश्मीर पर अपनी रणनीति को लेकर जिनपिंग से चर्चा कर सकते हैं। चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करता है। पाकिस्तान के साथ उसके काफी हित जुड़े हैं। उसकी सीपेक परियोजना गिलगिट-बाल्टिस्तान से होकर गुजरती है जिसे भारत ने गैर-कानूनी घोषित किया है। कश्मीर मसले पर दुनिया का रुख देखने के बाद पाकिस्तान को यह अहसास हो गया है कि इस मुद्दे पर थोड़ी-बहुत मदद यदि किसी देश से मिल सकती है तो वह देश चीन है। कश्मीर पर पाकिस्तान की आगे की रणनीति क्या हो, इस पर भी इमरान और चीन के नेताओं के बीच चर्चा हो सकता है। पाकिस्तान की नीतियों पर वहां की सेना का काफी दखल रहता है। विदेश जैसे अहम मसले पर सेना की पकड़ कमजोर न पड़े इसे सुनिश्चित करने के लिए जनरल बाजवा वहां मौजूद रहेंगे।