- सोवियत यूनियन और अमेरिका की कोल्ड वार के बीच भारत ने अलग लाइन ली।
- उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान हमारे साथ ही आजाद हुआ था। उनकी विदेश नीति देखिए।
- जिसकी वजह से हिंदुस्तान के पासपोर्ट की दुनिया में क्या इज्जत है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की विदेश नीति साफ है। कोई देश भारत को धमकी देने की नहीं सोच सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान हमारे साथ ही आजाद हुआ था। उनकी विदेश नीति देखिए। सोवियत यूनियन और अमेरिका के बीच कोल्ड वार चल रही थी। उन्होंने अपनी लाइन ली। सोवियत यूनियन से बात करते रहे। वे अमेरिका से भी बात करते रहे। उन्होंने कहा कि हम ब्लॉक्स में नहीं हैं। सोवियत यूनियन से हमारी नजदीकी है लेकिन हम सबके साथ हैं। आज हिंदुस्तान की विदेश नीति की वजह से ये देख लें कि हिंदुस्तान के पासपोर्ट की दुनिया में क्या इज्जत है। पाकिस्तान के पासपोर्ट की क्या इज्जत रही है। उन्होंने कहा कि जब आपके खुद्दार कौम होते हैं तो लोग आपकी इज्जत करते हैं। हमने क्या किया। कभी एक ब्लॉक में चले गए तो कभी किसी के साथ चले गए कि हमें पैसे मिल रहे हैं।
पाकिस्तान के विदेश नीति में रूस से भी दोस्ती करनी चाहिए, चीन, यूरोप, अमेरिका, ब्रिटेन से भी दोस्ती करनी चाहिए। हमें दोस्ती की लिमिट होनी चाहिए कि हम आपके साथ अमन में शिकरत करेंगे। झगड़े में नहीं करेंगे। पहले हमने 80 के दशक में हमने फ्रंट लाइन स्टेट बने। मुल्क की तबाही हुई 50 लाख रिफ्यूजी, आतंकवाद, ड्रग्स हमने फेस किया। उसके बाद हमने अपने मुल्क की तबाही कर दी। क्या मिला हमें इससे। कोई हमें बता दे पाकिस्तान को इसमें क्या फायदा हुआ, एलिट को फायदा हुआ, उनको थोड़े डॉलर मिले। नीचे पाकिस्तानियों कोई फायदा नहीं हुआ। मेरी विदेश नीति में पाकिस्तानियों अधिकार, उनके हकूक, उनकी इज्जत पहले आएगी। इस तरह हमारे पासपोर्ट की इज्जत होगी। साढ़े तीन मैंने पाकिस्तानियों की इज्जत करवाई है।
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इमरान खान ने कहा कि जुल्फिकार भूट्टो, कायदे आजम के बाद पहले आदमी थे। जिनकी स्वतंत्र विदेश नीति थी। उनको कैसे मरवाया गया। फजलुर्रहमान की पुरानी पार्टी, नवाज शरीफ की पार्टी तबके मीरजाफर और मीर सादिक थे। जो आज बिल्कुल वही काम कर रहे हैं। इन्होंने भूट्टो के साथ किया, इनका कत्ल करवाने में इनका हाथ है। बाहर के लोगों यहां के मीरजाफरों की जरूरत होती है। इन्होंने वही किया।
उन्होंने कहा कि मरियम नवाज को विदेश नीति नहीं आती। मुझे साजिश का पहले पता था। मरियम दूसरे देशों के साथ मिली हुई हैं। 5-6 महीने से की प्लानिंग की जा रही है।