- बुचा में नागरिकों के मारे जाने संबंधी हालिया खबरें काफी परेशान करने वाली हैं: भारत
- भारत हिंसा की तत्काल समाप्ति और शत्रुता खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराता है
- युद्ध अपराधों के लिए रूसी सेना को तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारतीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं दिखा है। बुचा में नागरिकों के मारे जाने की हालिया रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं। हम स्पष्ट रूप से इन हत्याओं की निंदा करते हैं और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं। यूक्रेन में गंभीर मानवीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय आपूर्ति, दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री भेज रहा है। हम आने वाले दिनों में यूक्रेन को और अधिक चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि भारत लगातार बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित है और हिंसा को तत्काल समाप्त करने और शत्रुता को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराता है। हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और संवाद के रास्ते पर चलने की जरूरत पर जोर दिया है। रूस-यूक्रेन के संकट के प्रभाव को पूरे क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है। कई विकासशील देशों में खाद्य, ऊर्जा की किमतों में दाम बढ़े हैं। संघर्ष पर शीघ्र समाधान की दिशा में UN के अंदर और बाहर रचनात्मक रूप से काम करना चाहिए।
वहीं यूएनएससी में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि नागरिकों को टैंकों से कुचल दिया गया, महिलाओं का उनके बच्चों के सामने बलात्कार किया और उन्हें मार डाला गया। बुका में रूसी सेना ने जो किया वह क्रूरता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सचमुच उल्लंघन किया गया है। युद्ध अपराधों के लिए रूसी सेना को तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।
इसके अलावा यूएनएससी में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि मैं बुचा में मारे गए नागरिकों की भयावह तस्वीरों को कभी नहीं भूलूंगा। मैंने तुरंत प्रभावी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र जांच की मांग की।