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आठवीं बार UN सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत, 192 में से 184 वोट मिले

Updated Jun 18, 2020 | 07:40 IST

भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का 8वीं बार अस्थाई सदस्य चुना गया है। इस बार भारत के पक्षा में 192 में 184 वोट पड़े। इससे पहले भारत 2011 में अस्थायी सदस्य चुना गया था।

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आठवीं बार UN सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत
मुख्य बातें
  • सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया भारत
  • भारत के पक्ष में पड़े 184 वोट, सदस्य बनने के लिए जरूरी थे 128 वोट
  • भारत पहली बार 1950 में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था

न्यूयॉर्क: भारत एक बार फिर 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। भारत का कार्यकाल अब 2021-22 तक रहेगा।  गौर करने वाली बात ये रही कि 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने ट्वीट करते हुए लिखा सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए यूएनएससी का अस्थाई सदस्य चुना है। उन्होंने कहा कि हमें भारी समर्थन मिला है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने जो विश्वास जताया है उससे विनम्र महसूस कर रहा हूं।

1950 में पहली बार चुना गया था सदस्य

 आपको बता दें कि अस्थायी सदस्य चुने जाने के लिए भारत को महज 128 मतों की जरूरत थी लेकिन वोट 184 मिले। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था। इससे पहले आखिरी बार भारत को 2011 में अस्थायी सदस्य चुना गया था। भारत पहली बार 1950 में गैर-स्थायी सदस्य चुना गया था।

2011 में अंतिम बार सदस्य

यूएनएसी में 10 गैर स्थायी यानी अस्थायी सीटों का विभाजन क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है जिसमें एशिया के लिए 5, पश्चिमी यूरोपीय देशों के लिए 2 तथा पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए 1, लैटिन अमेरिकी देशों के लिए 2 सीटें तय होती हैं। भारत इससे पहले सात बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है जिसमें अंतिम बार 2011-12 में रहा था।

अमेरिका ने दी बधाई

अमेरिका ने भारत को अस्थायी सदस्य चुने जाने की बधाई दी है। अमेरिका ने बयान जारी करते हुए कहा, 'हम भारत का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के सफल चुनाव के लिए बधाई देते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक सामरिक भागीदारी का एक स्वाभाविक विस्तार है।'