वाशिंगटन : भारत और रूस के संबंधों पर अमेरिका ने टिप्पणी की है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किरबी ने मंगलवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत अत्यंत महत्वपूर्ण साझीदार है और भारतीय नेता अपनी आर्थिक नीतियों पर खुलकर बोलने की आजादी रखते हैं। किरबी से रूस से बढ़े भारत के ऊर्जा आयात पर सवाल किया गया था जिसके जवाब में उन्होंने यह बात कही।
'हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत प्रमुख साझीदार'
मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोदित करते हुए एनएसए ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने द्विपक्षीय रिश्ते को अहमियत देता है लेकिन वह यह भी चाहता है कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत, रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाए। उन्होंने कहा, 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत बहुत बड़ा रणनीतिक साझीदार है। यह साझीदारी रक्षा, सुरक्षा एवं आर्थिक जैसे क्षेत्रों में दिखती है। भारतीय नेता अपनी आर्थिक नीतियों पर बोलने की पूरी आजादी रखते हैं।'
भारत के साथ इस द्विपक्षीय रिश्ते का कद्र करते हैं-किरबी
किरबी ने आगे कहा, 'मैं केवल यह कह सकता हूं कि हम भारत के साथ इस द्विपक्षीय रिश्ते का कद्र करते हैं और हम चाहते हैं कि हर देश अपने हितों के बारे में फैसला करे। देशों के अपने फैसले होते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि जितना हो सके रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए।' बता दें कि भारत ने हाल के समय में रूस से ऊर्जा आयात बढ़ाया है। भारत ही नहीं यूक्रेन संकट के बाद यूरोप के कई देशों ने रूस से गैस का आयात बड़ी मात्रा में किया है।
भारत ने आलोचना का दिया जवाब
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि रूस से ऊर्जा आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन वह नहीं चाहता है कि इसमें अचानक से तेजी आए। रूस से तेल खरीद की आलोचना होने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले दिनों पश्चिमी देशों को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगने के बाद यूरोप के देशों ने ज्यादा तेल का संग्रहण किया है।