न्यूयॉर्क: आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर हमेशा दिखाई देता रहा है। एक तरफ पाकिस्तान आतंकवाद की घटनाओं की निंदा तो करता है,लेकिन जब आतंकी संगठनों पर प्रभावी कार्रवाई की बात उठती है तो पाकिस्तान के सुर बदल जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर भारत ने पाकिस्तान को कड़ी लताड़ लगाई। दरअसल यूएन की 75वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए एक बैठक हो रही थी और उस मीटिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाया। लेकिन भारत ने कड़े लहजे में कहा कि इस्लामाबाद जो खुद आतंकवाद का बड़ा केंद्र है उसके मुंह से इस तरह की बात शोभा नहीं देती है। एक तरफ पाकिस्तान को आतंकी, शहीद नजर आते हैं तो दूसरी तरफ से उसके देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह को भेदभाव किया जाता है दुनिया वाकिफ है।
यूएन में पाकिस्तान को लताड़
संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी विदिशा मैत्रा राइट टू रिप्लाइ के तहत पाकिस्तान के आरोपों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार की तो यह आदत है कि वो बिना किसी तथ्य के भारत पर आरोप लगाी है, यही नहीं आंतरिक मामलों में दखल भी होता है। विदिशा मैत्रा ने कहा कि वो यूएन से मांग करती हैं कि वो पाकिस्तान से कहे कि बैठकों के विषयांतर से बचे। जो प्रसंग विचार के लिए लाए जाते हैं कम से कम उससे इतर दूसरी बात कहने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
पाकिस्तान पर भरोसा क्या करना
पाकिस्तान को एक परिपक्व देश की तरह व्यवहार करना चाहिए। एक ऐसा देश जो खुद के बनाए झंझावतों का सामना कर रहा हो उससे आप डॉयलॉग या कूटनीति की उम्मीद भला कैसे कर सकते हैं। आज जो भी पाकिस्तान की तरफ से कहा गया वो उनके कुत्सित सोच का नतीजा है। मैत्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संबंध में किसी को दुविधा नहीं होनी चाहिए। जे एंड के भारत का अविभाज्य हिस्सा है। जो देश खुद आतंकवाद को प्रोत्साहन देता हो उसके मुख से इस तरह की बात शोभा नहीं देती है।