यूक्रेन में रूस हमले के बाद युद्ध छिड़ने से अब तक छह हजार से अधिक भारतीयों की सुरक्षित देश वापसी हो चुकी है, जबकि अन्य नागरिकों की भी देश वापसी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया गया है, जिसमें भारतीय वायुसेना को भी शामिल किया गया है तो सरकार ने चार केंद्रीय मंत्रियों की तैनाती भी विभिन्न देशों में की है। इस बीच भारतीय छात्र यूक्रेन के कई शहरों में फंसे हुए हैं, जिन्हें तत्काल मदद की जरूरत है।
यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के लिए बुधवार (2 मार्च) को भी एक नई एडवाइजरी की गई है, जिसमें उन्हें तत्काल खारकीव छोड़ देने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि वे सुरक्षा कारणों से तत्काल खारकीव छोड़ दें। उन्हें जल्द से जल्द पेसोकिन, बबाये और बेजल्युडोवाकिया की तरफ बढ़ने के लिए कहा गया है। साथ ही उन्हें हर हाल में शाम 6 बजे तक (यूक्रेनियन समय के हिसाब से) शेल्टर होम में पहुंचने को कहा गया है।
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मुश्किल में भारतीय छात्र
यूक्रेन में फंसे छात्र कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उनके पास खाने-पीने के सामान नहीं हैं तो रूस-यूक्रेन के बीच गोलीबारी के साथ-साथ वे भारी बर्फबारी का भी सामना कर रहा है। यूक्रेन के कई इलाकों में इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे दो-चार होते हुए वे सीमावर्ती इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं। वे लगातार भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। भारी बमबारी के बीच स्टूडेंट्स को बंकरों में भी शरण लेनी पड़ रही है।
रोमानिया के बुखारेस्ट में भारत वापसी का इंतजार कर रहे ऐसे ही एक छात्र ने आपबीती बताई है कि बॉर्डर पार करने में उन्हें किन मुश्किल हालातों को सामाना करना पड़ रहा है। छात्र के मुताबिक, एक तरफ यूक्रेन व रूस के बीच गोलीबारी का खतरा है तो भारी बर्फबारी भी उनके लिए बड़ी मुश्किल है। भारी बर्फबारी के बीच उनके साथ छात्रों का एक समूह दो दिनों में यूक्रेन का बॉर्डर पार कर रोमानिया में दाखिल हुआ, जहां से अब उन्हें भारत वापसी की उम्मीद है।
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खारकीव से पोलैंड पहुंचे स्टूडेंट्स
छात्र के मुताबिक, वे यहां दो दिनों तक शेल्ट में रहे और अब उनके लिए फ्लाइट का प्रबंध हो पाया है। ऐसे और हजारों छात्र हैं, जिन्हें तत्काल मदद की जरूरत है। वहीं, यूक्रेन के खारकीव से कुछ छात्र ट्रेन से पोलैंड पहुंचे, जहां केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भारतीय छात्रों की मदद के लिए मौजूद हैं। इन छात्रों ने भारत में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित अपने अभिभावकों को आश्वस्त करने का प्रयास किया कि वे सभी सुरक्षित हैं।