- कोरोना वायरस का खतरा भारत में लगातार बढ़ता ही जा रहा है
- दुनिया के कई देशों से कोरोना वायरस को लेकर अच्छी खबरें भी आ रही हैं
- न्यूजीलैंड समेत कई ऐसे देश हैं जो कोरोना मुक्त घोषित हो चुके हैं
कोरोना वायरस का खतरा भारत में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि लगभग तीन महीने से लागू लॉकडाउन को अब भी पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका है। कुछ-कुछ राज्यों में इसका कहर काफी बढ़ रहा है और इस कारण से उन राज्यों में लॉकडाउन को आगे भी बढ़ाया जा रहा है। इस महामारी के कारण भारत में हालात इतने नाजुक हो गए हैं कि दुनियाभर में इस बीमारी से प्रभावित देशों की सूची में भारत तेजी से छठवें स्थान पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो अब कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने की भी आशंका जताई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र में इस बीमारी के कारण अनगिनत लोगों की जानें जा रही हैं और तेजी से संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
आपको बता दें कि भारत से भले ही परेशानी वाली खबर आ रही है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी व थोड़ी राहत भी मिलेगी कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो कोरोना के कहर से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने हाल ही में अपने आपको कोरोना वायरस से मुक्त घोषित कर दिया है और वहां पर जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य पटरी पर लौट रही है।
न्यूजीलैंड से आई अच्छी खबर
एक दो दिनों पहले ही न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन ने घोषणा करते हुए कहा था कि उनके देश में धीरे-धीरे सोशल डिस्टेंसिंग का ऑर्डर हटाया जा रहा है। केवल सीमाओं पर ही इसका पालन करने का आदेश है। ऐसा इसलिए क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक न्यूजीलैंड बड़ी ही तेजी से कोरोना वायरस को मात दे रहा है। हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि कोरोना मुक्त इन्हें इस आधार पर कहा जा रहा है कि काफी दिनों से यहां पर देशभर में कोविड-19 के एक भी केस व इस महामारी से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है। सुनने में ये तो काफी राहत देने वाली खबर है लेकिन विश्वास करना मुश्किल।
गुड न्यूज ये है कि केवल न्यूजीलैंड ही नहीं इसकी तरह दुनिया के कई अन्य देश ऐसे हैं जो कोरोना पर लड़ाई में विजय हासिल करने की दिशा में अग्रसर हैं और कई ने इश पर विजय पाई है और कई विजय हासिल करने वाले हैं। जानते हैं इन देशों की सूची-
फिजी
फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनीमारामा ने पिछले हफ्ते ही शुक्रवार को अपने देश को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 45 दिनों से हमारे देश में कोरोना वायरस के एक भी केस रिकॉर्ड नहीं किए गए हैं। यहां कोई मौतें नहीं हुई है हमारी रिकवरी रेट 100 पर्सेंट है। फिजी की जनसंख्या 899,000 है और यहां पर 18 केस दर्ज किए गए थे। यहां पर पहला केस 19 मार्च को दर्ज किया गया था जिसके बाद यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियम लागू कर दिए गए थे।
Timor-Leste
ऑस्ट्रेलिया का पड़ोसी देश टीमर लेस्ट एक ऐसा छोटा सा देश है जहां की जनसंख्या 1.3 मिलियन है। यहां पर कोरोना वायरस के मात्र 24 केस दर्ज किए गए थे। इनमें भी केवल यंग स्टूडेंट्स थे जिन्हें बेहद सामान्य थे। यहां पर पहला केस 21 मार्च को दर्ज किया गया था जबकि अंतिम केस 24 अप्रैल को दर्ज किया गया था। इसके बाद 15 मई को देश में कोरोना के जीरो केस दर्ज किए गए जिसके बाद इसे कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया।
सेशेल्स
पूर्वी अफ्रीका के तट पर और हिंद महासागर में बसा आईलैंड नेशन सेशेल्स की जनसंख्या 94,000 है। यह 115 छोटे-छोटे आइलैंड से घिरा हुआ है। यहां पर कुल 11 केस ही दर्ज किए गए जिसमें से एक भी मौत नहीं है। यहां के पब्लिक हेल्थ कमिश्नर ने 18 मई को सेशेल्स को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया था। हालांकि इसके बाद भी सेशेल्स में लोगों को पर्सनल हाईजीन व सोशल डिस्टेंसिंग का सख्त पालन करने का निर्देश दिया गया है।
पापुआ न्यू गिनी
पापुआ न्यू गिनी की कुल जनसंख्या 8 मिलियन है। यहां पर कोरोना वायरस के कुल 8 केस दर्ज किए गए थे जिनमें एक भी मौत नहीं थी। यहां पर 20 मार्च को सबसे पहले कोरोना का पहला केस दर्ज किया गया था जिसके बाद अब लगभग 3 महीनों के बाद तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 8 संक्रमित लोग 3 मई को रिकवर हो गए थे।
मोंटेनेग्रो
यूरोपीय देश मोंटेनेग्रो ने 25 मई को ही अपने आप को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है। पहला केस दर्ज किए जाने के 69 दिनों के बाद ही इसने अपने आप को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया। यहां की जनसंख्या 6 लाख 20 हजार है। जिसमें से 324 कोरोना के केस पाए गए थे। इनमें 9 लोगों की मौत हो गई जबकि 315 लोग रिकवर हुए थे। यहां के प्रधानमंत्री ने ये घोषणा करते हुए कहा कि यह यूरोप का पहला ऐसा देश है जो कोरोना मुक्त हो चुका है।
हालांकि यहां इस पर भी गौर करने की जरूरत है कि न्यूजीलैंड समेत इन देशों की जनसंख्या बेहद कम है और उस हिसाब से यहां पर संक्रमितों की व मौतों की संख्या भी बेहद कम है। इसलिए इन देशों की भारत, अमेरिका, इटली जैसे बड़े देशों से तुलना करना बेइमानी होगी।