Logtantra: पाकिस्तान स्थित पंजाब के रहीम यार खान जिले के भोंग में मुस्लिम भीड़ ने हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया। पुलिस देर से पहुंचती है और मंदिर में बुरी तरह तोड़फोड़ करने वाले एक भी शख्स को गिरफ़्तार नहीं किया जाता। दरअसल ये पूरा मसला कुछ दिन पहले शुरू हुआ। एक 9 साल के बच्चे पर BLASPHEMY यानी ईश-निंदा का केस दर्ज हुआ लेकिन बच्चा नाबालिग था और जमानत पर छोड़ दिया गया। इस छोटी से कथित घटना के बाद अल्पसंख्यकों के मंदिर पर भीड़ टूट पड़ी।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों जिसमें हिंदू, सिख के अलावा क्रिश्चियन भी शामिल हैं, के धार्मिक पूजाघरों पर ये पहला हमला नहीं है।
- 15 मार्च, 2014 को लरकाना में हिंदू मंदिर जलाया गया
- दिसंबर 2020 में खैबर पख्तूनख्वां में हिंदू मंदिर को आग लगाई
- 350 लोग गिरफ़्तार किए गए
- जुलाई में केस वापस ले लिया गया
- 4 अगस्त को फिर से हमला कर दिया गया
मानवाधिकार संस्था मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस (MSP) के मुताबिक
- पाकिस्तान में हर साल 1,000 से ज्यादा ईसाई और हिंदू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण किया जाता है।
- इसके बाद धर्मपरिवर्तन कराकर उनका जबरन निकाह कराया जाता है।
- पीड़ितों में ज्यादातर की उम्र 12 से 25 साल के बीच में होती है।
कई मामलों में केस दर्ज नहीं होते
कई मामले पुलिस में दर्ज ही नहीं होते इसलिए ये आंकड़े असलियत में और ज्यादा हो सकते हैं।5 अगस्त के दिन पाकिस्तान में कश्मीरियों के लिए रैलियां निकाली जा रही हैं। पाकिस्तान, कश्मीर से 370 हटाए जाने के एक सालहोने पर यहां यौम-ए-इस्तेहसाल के तौर पर मना रहा है यानी दमन का दिन, लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से जैसा सलूक हो रहा है,उससे तो यही लगता है कि पड़ोस में झांके की बजाय पाकिस्तान अपने गिरेबां में झांके, अपनी जमीन पर रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
मो. अली जिन्ना ने क्या कहा था
पाकिस्तान में आप आज़ाद हैं, मंदिरों के जाने के लिए, मस्जिदों में जाने के लिए और किसी भी दूसरे पूजाघरों में जाने के लिए। आप किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के हों, इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
पाकिस्तान से आए एक विस्थापित की कहानी
पाकिस्तान की तस्वीर तो हमने आपको दिखा दी, लेकिन जो हिंदू विस्थापित प्रताड़ित होकर भारत आए हैं, अब उनमें से एक परिवार का हाल दिखाते हैं। राजस्थान के जालौर जिले के धानता गांव में त्रिलोकचंद ने परिवार समेत आत्मदाह करने की बात कही है। त्रिलोकचंद का कहना है कि कभी उनके पुरखे भी इस इलाके में रहे, अब उन्हें यहां से हटाया जा रहा है, गांववाले मारपीट करते हैं, त्रिलोकचंद ने अपने दर्द को बयां करते हुए एक वीडियो भी बनाया है जो वायरल हो रहा है। जिसमें वो मदद की गुहार कर रहे हैं, उनका कहना है कि पाकिस्तान छोड़कर आए, अब यहां से छोड़कर कहां जाए, परिवार के सामने गुजारे का संकट पैदा हो जाएगा।