- अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस यातना से मौत के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं
- वे न्याय की मांग कर रहे हैं, उनकी नाराजगी अमेरिका में अश्वेत लोगों के साथ तमाम भेदभाव को लेकर भी है
- अमेरिका के कई शहरों में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया है, इस दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचा है
वाशिंगटन : अमेरिका में अफ्रीकी मूल के नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस यातना से मौत के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों का दौर तमाम सख्ती के बावजूद जारी है। प्रदर्शनकारी जहां न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं, वहीं इस दौरान कई जगह हिंसा व लूटपाट की घटनाएं भी हुई हैं, जिसे देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। अमेरिका के करीब 140 शहरों में इस घटना के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। इस बीच महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी क्षति पहुंची है।
बापू की प्रतिमा को नुकसान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को कुछ अराजक तत्वों ने क्षति पहुंचाई। हालांकि अभी यह साफ तौर पर स्पष्ट नहीं हो सका है कि इसके पीछे किन लोगों का हाथ है, पर माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन के दौरान ही कुछ अराजक तत्वों ने प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेकिा में पार्क पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
नागरिक अशांति का सबसे खराब दौर
जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस यातना से मौत के बाद अमेरिका के कई शहर अशांत हैं। इसे बीते कई दशकों में अमेरिका में नागरिक अशांति का सबसे खराब दौर माना जा रहा है। हिंसा, लूटपाट की घटनाओं को देखते हुए अमेरिका के कई शहरों में लगाए गए हैं। न्यूयार्क में मंगलवार रात 8 बजे से बुधवार को सुबह 5 बजे तक भी कर्फ्यू रहा। कर्फ्यू को रात में होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए लागू किया गया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि वे रुकने वाले नहीं हैं।
'कानून व्यवस्था कायम रखना होगा'
हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए वाशिंगटन डीसी में भी सैन्य बलों की तैनाती की गई है। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों के साथ सख्ती से पेश आने की बात कही है। उन्होंने कहा, 'हमें कानून व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है।' अमेरिका में जगह-जगह हो रहे प्रदर्शनों के लिए उन्होंने डेमोक्रेट्स पर भी आरोप लगाए। फॉक्स न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, 'आपने देखा कि इन सभी जगहों पर, जहां समस्याएं हुई, वे रिपब्लिकन द्वारा शासित नहीं हैं। वे उदारवादी डेमोक्रेट द्वारा शासित हैं।'