नई दिल्ली: नेपाल-भारत के बीच सीमा विवाद का मामला और तूल पकड़ रहा है अब नेपाल का कहना है कि नेपाल का नया राजनीतिक नक़्शा (Political Map) जारी करेगा इस नक़्शे में लिम्पियाधुरा (Limpiyadhura) कालापानी (Kalapani) और लिपुलेख (Lipulekh) को नेपाल (Nepal) की सीमा का हिस्सा दिखाया गया है।
गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने लिपुलेख-धारचुला मार्ग तैयार किया है और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन की सीमा से लगी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी इस सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने सड़क के उद्घाटन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि 'एकतरफा कार्रवाई' सीमा से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये दोनों देशों के बीच बनी सहमति के खिलाफ है।
इन क्षेत्रों के लेकर भारत और नेपाल के बीच काफी समय से सीमा विवाद जारी है और ये फैसला सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में लिया गया है, इस बात की जानकारी नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने नेपाली में ट्वीट करके दी है।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को तवाघाट-लिपुलेख मार्ग का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा था कि इससे कैलाश मानसरोवर जाने के लिए पहले से कम वक्त लगेगा।
सेना प्रमुख नरवणे ने नेपाल मसले पर कही ये अहम बात
वहीं इस मामले पर भारत के सेना प्रमुख नरवणे ने परोक्ष रूप से चीनी भूमिका का संकेत देते हुए कहा कि यह मानने के कारण हैं कि उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे तक भारत के सड़क बिछाने पर नेपाल किसी और के कहने पर आपत्ति जता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी सेना के साथ हाल की तनातनी पर भारतीय सेना सिलसिलेवार तरीके से निपट रही है।
भारत द्वारा लिपुलेख-धारचुला मार्ग तैयार किये जाने पर नेपाल द्वारा आपत्ति किये जाने के सवाल पर जनरल नरवणे ने कहा कि पड़ोसी देश की प्रतिक्रिया हैरान करने वाली थी।सेना प्रमुख ने कहा, 'काली नदी के पूरब की तरफ का हिस्सा उनका है। हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिमी तरफ है। इसमें कोई विवाद नहीं था। मुझे नहीं पता कि वे किसी चीज के लिये विरोध कर रहे हैं।'