- उत्तर कोरिया की छवि एक कठोर नियमों वाले देश की रही है
- लेकिन बीते कुछ समय में उसने अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश की है
- महिलाओं को आगे कर उत्तर कोरिया ने सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है
प्योंगयांग : उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर वैश्विक प्रतिबंध झेल रहा है। इसके बावजूद उत्तर कोरिया की ओर से समय-समय पर होने वाले अत्याधुनिक हथियारों के परीक्षण की खबरें दुनिया में सुर्खियां बटोरती हैं और उसे लेकर चिंता भी जताई जाती है। लेकिन उत्तर कोरियाई प्रशासन के पाास एक 'सीक्रेट हथियार' भी है, जिसके जरिये वह अक्सर दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचता है।
उत्तर कोरिया और इसके सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन की छवि एक सख्त और कठोर नियमों वाले देश तथा नेता की तरह रही है, जिसके बारे में खबरें कम ही सामने आ पाती हैं। लेकिन बीते कुछ समय में उत्तर कोरिया का एक अलग ही रूप देखने को मिला है, जिसमें विभिन्न आयोजनों पर महिलाओं को आगे रखकर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि उनका देश और वहां के लोग वैसे नहीं हैं, जैसी कि उनके बारे में धारणा है।
...जब छा गईं किम यो योंग
इनमें सबसे चर्चित नाम किम जोंग-उन की बहन किम यो जोंग का है, जिसे किम के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि इस बीच किम के अपनी बहन से नाराज होने की खबरें भी आईं, लेकिन जानकार इसे उत्तर कोरिया के प्रॉपगैंडा के तौर पर देखते हैं।
बीते कुछ समय में किम जोंग-उन की चाहे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से मुलाकात रही हो या अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई ऐतिहासिक मुलाकात इन अवसरों पर किम यो जोंग अपने भाई के साथ उनकी पर्सनल सेक्रेट्री की भूमिका में नजर आईं और उनके कपड़ों से लेकर उनके चेहरे के हाव-भाव तक ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी।
उत्तर कोरिया का 'गर्ल बैंड'
बताया जाता है कि उत्तर कोरिया के पास एक चीयरलीडर्स का एक ग्रुप है, जिन्हें विभिन्न अवसरों, खासकर अंतराष्ट्रीय आयोजनों में इस संदेश छोड़ने के साथ भेजा जाता है कि उत्तर कोरिया एक आत्मनिर्भर देश है और यहां के लोग बेहद स्वाभिमानी हैं। इनमें खास तौर पर कला व संगीत जगह से जुड़ी महिलाएं शामिल होती हैं।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें किसी भी तरह की चूक न हो, इसके लिए विदेश दौरे पर जाने वाली इन चीयरलीडर्स के सूटकेस में देश की मिट्टी और किम जोंग-उन के पिता की छोटी सी मूर्ति तक लेकर चलती हैं। इन पर उम्दा प्रदर्शन का बेहद दबाव होता है। जानकार इन्हें उत्तर कोरिया की 'आर्मी ऑफ ब्यूटी' और इसे छवि बदलने की एक कोशिश के तौर पर देखते हैं।