- किम यो जोंग को उत्तर कोरिया में राज्य मामलों के आयोग में शीर्ष पद पर पदोन्नत किया गया है
- इसके साथ ही इसे लेकर कयास तेज हो गए हैं कि क्या वह अपने भाई की उत्तराधिकारी होंगी
- किम यो जोंग कई कूटनीतिक व प्रशासनिक मामलों में अपने भाई के साथ अहम भूमिका में रही हैं
सियोल/प्योंगयांग : उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीड किम जोंग-उन के स्वास्थ्य को लेकर समय-समय पर उठती अटकलों के बीच अब उनकी बहन किम यो जोंग को देश में एक महत्वपूर्ण इकाई के शीर्ष पद पद पर पदोन्नत किया गया है। इसे उत्तर कोरिया की सुप्रीम पीपुल्स एसेंबली से मंजूरी भी मिल गई है, जो महज औपचारिकता होती है। ऐसे में इस बात को लेकर कयास तेज हो गए हैं कि क्या किम यो जोंग आने वाले दिनों में उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता और अपने भाई किम जोंग-उन की जगह लेंगी?
उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन के स्वास्थ्य को लेकर उठती अटकलों के बीच किम यो जोंग को यह प्रमोशन मिला है, जो कई महत्वपूर्ण निर्णयों में उनके साथ रही हैं। लंबे समय से ऐसी अटकलें लगाई जाती रही हैं कि क्या वह अपने भाई की उत्तराधिकारी होंगी? अगर ऐसा होता है और किम यो जोंग उत्तर कोरिया की सुप्रीम लीडर बनती हैं, जिस पद पर अभी उनके भाई किम जोंग-उन हैं तो यह सामाजिक रूप से रूढ़िवादी समझे जाने वाले उत्तर कोरिया में इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला होंगी।
उत्तर कोरिया में कैसी है किम यो जोंग की भूमिका?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, किम यो जोंग को जिस आयोग में शीर्ष पद दिया गया है, उसमें उपाध्यक्ष सहित कम से कम नौ सदस्यों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने अमेरिका के साथ हुई उत्तर कोरिया की बातचीत में भूमिका निभाई थी। हालांकि अमेरिका और उत्तर कोरिया की बातचीत का कोई सार्थक नतीजा अब तक नहीं निकल पाया है और उत्तर कोरिया को अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत नहीं मिली है।
बताया जा रहा है कि किम यो जोंग को उत्तर कोरिया के राज्य मामलों के जिस आयोग में शीर्ष पद पर पदोन्नति दी गई है, उसमें वह एकमात्र महिला और सबसे युवा हैं। वह अपने भाई के साथ से करीब से प्रशासनिक कार्यों में शामिल रही हैं और कई मामलों में उन्होंने शीर्ष सलाहकार की भूमिका निभाई है। वह अपने भाई के साथ स्विट्जरलैंड में पढ़ाई कर चुकी हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ अपने भाई किम जोंग-उन की मुलाकात के दौरान उनके साथ रही थीं। हाल में उनके कई ऐसे बयान आए हैं, जिसमें उन्होंने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की न केवल निंदा की, बल्कि उनके लिए चेतावनीभरे शब्दों का भी इस्तेमाल किया।