- उत्तर कोरिया में बिना मास्क के पकड़े जाने पर लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है
- इसके लिए गश्त टीम की तैनाती की गई है कि लोग मास्क पहनकर घर से निकल रहे हैं या नहीं
- मास्क नहीं पहनने वालों को तीन महीने के लिए लेबर कैंप भेजने का प्रावधान किया गया है
प्योंगयांग : दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण से मची तबाही के बीच उत्तर कोरिया का अब भी दावा है कि वह इस संक्रामक रोग के प्रकोप से अछूता है। उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के कितने मामले हैं और संक्रमण की स्थिति क्या है, इसे लेकर कोई भी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। कोरियाई प्रायद्वीप के इस देश में कोरोना माहामारी को लेकर भी एक तरह से रहस्य की स्थिति बनी हुई है। इस बीच ऐसी रिपोर्ट्स भी हैं कि उत्तर कोरिया ने अपने यहां साफ-सफाई और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं।
मास्क नहीं पहना तो खैर नहीं
दुनियाभर में कई देश हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया हुआ है और ऐसा नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है। लेकिन उत्तर कोरिया ने इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए साफ कर दिया है कि अगर कोई यहां मास्क के बगैर नजर आता है तो उसे तीन महीने तक दूर-दराज के इलाके में मेहनत-मजदूरी के लिए भेज दिया जाएगा।
दी जाएगी कठोर सजा
उत्तर कोरिया यह सुनिश्चित करने के लिए जगह-जगह छात्रों की तैनाती करने का भी फैसला किया है कि घर से बाहर निकलने पर लोग मास्क पहनते हैं या नहीं। 'डेली स्टार' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसी को भी बिना मास्क के पाया जाएगा तो उसे सजा के तौर पर तीन महीने के लिए 'अनुशासनात्मक श्रम' की सजा दी जाएगी, भले ही वह कोई भी क्यों न हो। राजधानी प्योंगयांग सहित उत्तर कोरिया के अन्य प्रांतीय शहरों में भी इसके लिए 'फेस मास्क गश्त' टीम की तैनाती किए जाने की बात सामने आ रही है।
उत्तर कोरिया में इसके लिए एक 'लेबर कैंप' भी है, जहां ऐसे लोगों को सजा के तौर पर भेजा जाना है। यह लेबर कैंप दूर-दराज के इलाके में स्थित है, जहां सजायाफ्ता लोगों के साथ बेहद क्रूर व्यवहार किया जाता है।