इस्लामाबाद : पाकिस्तान में एक हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ के मामले में 4 नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके बाद इस इस्लामिक राष्ट्र के एक हिन्दू मंत्री ने इन पर ईशनिंदा कानून के तहत आरोप लगाने की मांग की है। आरोप है कि इन लड़कों ने न केवल मंदिर में तोड़फोड़ की, बल्कि वहां रखी भगवान की मूर्तियों का भी अपमान किया। पुलिस ने इस सिलसिले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जिन लड़कों पर मंदिर में तोड़फोड़ का आरोप लगाया गया है, उनमें से एक की उम्र 15 साल, दो की 13 साल और एक अन्य की 12 साल बताई जा रही है। यह मामला सिंध प्रांत के थार में छाछरो शहर के नजदीक एक गांव में माता देवल भिट्टानी मंदिर में तोड़फोड़ का है, जहां कुछ अज्ञात लोगों ने रविवार रात तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने थार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अब्दुल्ला अहमदयार के निर्देश पर सोमवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की।
इस सिलसिले में चारों किशोर की गिरफ्तारी सोमवार को ही हुई। पुलिस का कहना है कि मंदिर में तोड़फोड़ के सिलसिले में उन्होंने जिन 5 किशोरों को गिरफ्तार किया है, उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और यह भी कहा कि उन्होंने ऐसा मंदिर से पैसे चुराने के लिए किया था।
इस बीच सिंध प्रांत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरि राम किशोरी लाल ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत केस दर्ज करने को कहा है। उन्होंने कहा कि छाछरो शांति, सौहार्द और धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है। यह तोड़फोड़ यहां धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए की गई, जिससे यहां रह रहे हिन्दू समुदाय के लोगों में डर बैठ गया है।
पाकिस्तान की लगभग 20 करोड़ की आबादी में हिन्दू समुदाय के लोगों की आधिकारिक संख्या तकरीबन 75 लाख बताई जा रही है, जबकि अनधिकारक आंकड़ों के अनुसार, यहां हिन्दुओं की जनसंख्या 90 लाख से अधिक है। अधिकांश हिन्दू समुदाय के लोग सिंध प्रांत में रहते हैं।