पाकिस्तान के इस्लामवादी कट्टरपंथियों ने रविवार को सिंध प्रांत के थारपारकर जिले के तेह मीठी, खत्री मोहल्ला स्थित हिंगलाज माता मंदिर को ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान में पिछले 22 महीनों में हिंदू धर्मस्थलों पर यह 11वां हमला है।
पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन के अध्यक्ष कृष्ण शर्मा मौके पर पहुंचे और मीडिया से बातचीत में उन्हें बताया कि इस्लामी कट्टरपंथी पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्तानी सरकार से भी नहीं डरते। स्थानीय हिंदू नेताओं ने इस मुद्दे पर विरोध रैली निकाली।
पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए कड़े कदम नहीं उठाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बार-बार फटकारा गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी कई मौकों पर उनकी रक्षा करने की बात की है।
2020 दिसंबर में स्थानीय मुस्लिम मौलवियों के नेतृत्व में सौ से अधिक लोगों की भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में मंदिर को नष्ट कर दिया था और आग लगा दी थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में हिंसक भीड़ को मंदिर की दीवारों और छत को तोड़ते हुए देखा जा सकता था। पाकिस्तान वो देश है जहां अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का खूब उल्लंघन होता है।
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इस्लामाबाद अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता रहा है। पाकिस्तानी हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया और शिया सबसे अधिक उत्पीड़ित अल्पसंख्यक हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अधिकार आयोग की एक हालिया रिपोर्ट ने देश में सबसे प्रतिष्ठित हिंदू स्थलों की भयानक तस्वीर का खुलासा किया और अल्पसंख्यक समुदाय के प्राचीन स्थलों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार वैधानिक बोर्ड को फटकार लगाई।
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