- अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बेचैनी की आलम है
- पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी बोले-हमें भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करनी चाहिए
- पाकिस्तान के थलसेनाध्यक्ष कमर जावेद ने इस मामले को लेकर भारत को गीदड़ भभकी दी थी
नई दिल्ली।Pakistan IT Minister:जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बैचेन है और वहां से कई तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं अब उनके सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने इस मामले पर अपनी भड़ास निकाली है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर मे किए गए इस अहम बदलाव पर पाकिस्तान अपनी भड़ास निकाल रहा है।
आईटी मिनिस्टर फवाद चौधरी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि जब भारत को हमसे बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उनके राजनयिक अभी भी यहां क्यों हैं? हमें उनके साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करनी चाहिए। उनके राजनियक के यहाँ होने और हमारे राजनयिक के वहाँ होने का क्या फायदा है?
इससे पहले अनुच्छेद 370 के हटाने को लेकर पाकिस्तान की सरकार से लेकर वहां की मीडिया तक से एकसुर में विरोध के सुर सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान सेना ने इस बारे में एक अहम बैठक की। पाकिस्तान के थलसेनाध्यक्ष कमर जावेद ने इस मामले को लेकर भारत को गीदड़ भभकी देते हुए कहा- कश्मीरियों की मदद के लिए उनके सैनिक 'किसी भी हद तक जाने' को तैयार हैं।
पाकिस्तान सेना में निर्णय लेने वाले सर्वोच्च मंच-'कोर कमांडर्स कांफ्रेंस' की अध्यक्षता जनरल बाजवा ने की, बैठक में कश्मीर ही एकमात्र एजेंडा था जनरल बाजवा ने सेना के कमांडरों से कहा-'पाकिस्तानी थल सेना कश्मीरियों के जायज संघर्ष में उनके साथ दृढ़ता से खड़ी है। हम तैयार हैं और अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।'
पाकिस्तान मीडिया में इसे लेकर दी गई थी इस तरह की प्रतिक्रिया
भारत सरकार के इस इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तानी मीडिया में रिएक्शन आए थे। पाकिस्तानी मीडिया लगातार इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में दलीलें दे रहा है।
'जियो टीवी' ने लिखा था, भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेदअन 370 हटा दी है। कश्मीर में तनाव बढ़ गया है और यूएन ने भारत से अपील की है। साथ ही वेबसाइट ने कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंद को लेकर भी टिप्पणी की है।
प्रमुख समाचार पत्र 'डॉन' ने लिखा था, 'संसद में विरोध के बीच भारत ने कश्मीर को विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।' डॉन ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।
इससे पहले कि आर्टिकल 370 को खत्म करने के फैसले के बाद पाकिस्तानी विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को तलब किया था और जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के भारत के कदम पर सख्त आपत्ति जताई थी।
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने का फैसला किया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो बीजेपी की नस्लीय विचारधारा के तहत अल्पसंख्यकों के प्रति हो रहे व्यवहार से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परिचित कराएंगे।