नई दिल्ली: पाकिस्तानी सांसदों के एक समूह ने गिलगित-बाल्तिस्तान को प्रांतीय दर्जा देने के लिए संसद के ऊपरी सदन में एक विधेयक पेश किया है। गिलगित-बाल्तिस्तान को भारत अपना अभिन्न हिस्सा बताता है। 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक, बलूचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) के सांसद कौदा बाबर, अहमद खान, नसीबुल्लाह बजाई और प्रिंस उमर ने सोमवार को नया अंतरिम प्रांत बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद एक में संशोधन का प्रस्ताव दिया।
गिलगित बाल्तिस्तान का प्रशासन पाकिस्तान की संघीय सरकार संचालित करती है, जिसे भारत ने अवैध कब्जा करार दिया है। भारत ने साफ तौर पर पाकिस्तान को बताया है कि गिलगित और बाल्तिस्तान समेत जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख का पूरा केंद्र शासित प्रदेश उसका अभिन्न हिस्सा है।
गिलगिट-बाल्टिस्तान में संसाधनों की लूट के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, पाकिस्तान के कई शहरों में प्रदर्शन
बीएपी के संवैधानिक विधेयक में कहा गया है कि गिलगित-बाल्तिस्तान के लोग लंबे समय से समान नागरिकता के अधिकारों की मांग करते रहे हैं। विधेयक में कहा गया है कि गिलगित-बाल्तिस्तान विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया था।
उसने गिलगित-बाल्तिस्तान के लिए नेशनल असेंबली में तीन सीटें और सीनेट में चार सीटों का प्रस्ताव दिया है। उसने क्षेत्र के लिए एक उच्च न्यायालय का भी प्रस्ताव दिया है।