इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि इमरान खान सरकार सेना अधिनियम में संशोधन कर रही है ताकि कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू किया जा सके। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि ये रिपोर्ट्स केवल 'अटकलें' हैं।
मेजर जनरल गफूर ने ट्वीट कर कहा, 'दोषी भारतीय आतंकवादी कुलभूषण जाधव के बारे में ICJ के फैसले को लागू करने के लिए पाकिस्तान आर्मी एक्ट में संशोधन की अटकलें गलत हैं। मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।'
पाकिस्तान मीडिया के अनुसार पहले खबर आई थी कि कुलभूषण जाधव सिविलियन कोर्ट में अपील दायर कर सकें इसके लिए आर्मी एक्ट में आवश्यक बदलाव किया जा रहा है। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है।
कुलभूषण जाधव के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत मिलिट्री कोर्ट में केस चलाया गया था। इस तरह के मामलों में सजा पाने वाले शख्स को यह हक नहीं है कि वो सिविलियन कोर्ट में अपील दायर कर सके।
गौरतलब है कि आईसीजे ने 17 जुलाई को फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की अवश्य ही समीक्षा करनी चाहिए। भारत ने दलील दी थी कि उसके नागरिक को राजनयिक पहुंच मुहैया करने से इनकार करना राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन है। पाकिस्तान ने आईसीजे के निर्देश के तहत 2 सितंबर को जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान की थी।
पाकिस्तान कहता है कि जाधव को तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन्होंने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश किया था। जबकि भारत कहता है कि जाधव नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने ईरान से अगवा किया। भारत का कहना है कि नौसेना से रिटायर होने के बाद वह ईरान में अपने कारोबार के सिलसिले में थे, जहां से पाकिस्तान ने उन्हें अगवा कर लिया था।