Pakistan-Russia relation : पाकिस्तान भी रूस से तेल खरीदने की योजना बना रहा है। हालांकि, अपनी आर्थिक कमजोरी को देखते हुए वह तेल का भुगतान किश्तों या बाद में करने की बात कह रहा है। रूस से तेल खरीदे जाने के यह बात तब सामने आई है कि जब बीते महीनों में मास्को से तेल खरीदकर भारत ने करीब 35,000 करोड़ रुपए की बचत की है। अब पाकिस्तान भी भारत की तरह रूस से तेल खरीदकर पैसों की बचत करना चाहता है। पाकिस्तानी मीडिया में इस बात की चर्चा है कि समरकंद में पीएम शहबाज शरीफ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकातों में तेल खरीदे जाने को लेकर बात हुई और रूसी राष्ट्रपति ने इस बारे में पाकिस्तान को सकारात्मक संदेश दिए।
तेल खरीदकर भारत ने की है बचत
भारत ने रूस से डिस्काउंट रेट पर तेल उस समय खरीदा जब यूक्रेन के साथ उसका युद्ध चल रहा था। इस संकट की वजह से रूसी तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो गई थी। भारत ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और रूस के साथ उसने अच्छी डील करते हुए पैसों की बचत की। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका ने रूस पर आर्थिक सहित कई तरह के प्रतिबंध लगाए। उसने देशों से रूस से तेल न खरीदने की भी गुजारिश की लेकिन भारत अपनी जरूरतों एवं मौके को देखते हुए रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदा। रूस और भारत के संबंध खास हैं। यह बात पूरी दुनिया जानती है। दोनों देशों के बीच अगर खास तरह की अगर कोई डील होती भी है तो दुनिया उसे सामान्य रूप से ही लेती है।
चिढ़ सकता है अमेरिका
पाकिस्तान के साथ मामला अलग है। रूस से तेल खरीदने की राह पर यदि पाकिस्तान आगे बढ़ता है तो यह बात अमेरिका को चिढ़ा सकती है। इमरान खान के कार्यकाल के समय से ही पाकिस्तान के अमेरिका के साथ रिश्ते अच्छे नहीं माने जा रहे। यूक्रेन युद्ध जब शुरू हुआ तो इमरान मास्को के दौरे पर गए थे। बताया जाता है कि यह बात अमेरिका को नागवार गुजरी। इमरान खान भी कहते आए हैं कि उनकी सरकार गिराने के पीछे अमेरिका का हाथ है। समरकंद में पुतिन और शहबाज शरीफ के बीच हुई तीन मुलाकातें हुईं। इनमें से एक बैठक औपचारिक और दो बैठकें औपचारिक थीं।
इस्लामाबाद-मास्को के संबंधों में सकारात्मक बदलाव होगा
रूस यदि पाकिस्तान को तेज बेचने के लिए तैयार हो जाता है तो यह इस्लामाबाद और मास्को के संबंधों में एक सकारात्मक बदलाव होगा। पाकिस्तान अब तक सऊदी अरब, यूएई एवं खाड़ी के अन्य देशों से किश्तों या कर्ज के रूप में तेल खरीदता आया है। रिपोर्टों में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से कहा गया कि अमेरिका ने कभी खुल कर रूस से तेल खरीदने के लिए मना नहीं किया है लेकिन उसने सलाह दी है कि 'रूस के साथ पाकिस्तान इस तरह की डील से दूर रहता है तो यह उसके लिए अच्छा होगा।'