- विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएम मोदी के जर्मनी यात्रा के बारे में जानकारी दी
- क्वात्रा ने बताया कि जी-7 की बैठक के दौरान पीएम ने यूक्रेन संकट पर अपनी बात रखी
- भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूक्रेन संकट का समाधना बातचीत एवं कूटनीति से होना चाहिए
Ukraine Crisis : यूक्रेन संकट को खत्म करने के लिए भारत आधिकारिक रूप से कई बार अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। जी-7 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन विवाद का हल निकालने को लेकर एक बार फिर भारत का रुख स्पष्ट किया है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएम के जर्मनी दौरे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी-7 की बैठक में पीएम ने यूक्रेन संकट पर भारत का रुख स्पष्ट किया है। पीएम ने दोहराया कि दोनों देशों के बीच शत्रुता तुरंत खत्म होनी चाहिए और संवाद एवं कूटनीतिक बातचीत के जरिए एक समाधान पर पहुंचा जाना चाहिए।
भारत ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट किया
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के आधिकारिक रुख के सवाल पर विदेश सचिव ने मीडिया से कहा, 'रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी ने भारत का रुख स्पष्ट रूप से रखा। उन्होंने शत्रुता तुरंत खत्म करने और बातचीत एवं कूटनीति के जरिए मौजूदा संकट का हल निकालने की बात कही।' क्वात्रा ने बताया कि इस जर्मनी यात्रा के दौरान पीएम ने यूक्रेन युद्ध से खाद्य सुरक्षा पर गहराए संकट के बारे में दुनिया के नेताओं से बात की। इसके अलावा वैश्विक मुद्दों पर भारत के नजरिए एवं सोच को दुनिया के विकसित देशों ने गंभीरता से सुना।
पहले भी अपना रुख स्पष्ट कर चुका है भारत
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष की शुरुआत गत 24 फरवरी को हुई। तब से भारत इस समस्या का समाधान बातचीत एवं कूटनीति से करने पर जोर देता आया है। यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई बार बात हुई। युद्ध शुरू होने के बाद पीएम ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से भी बातचीत की। विदेश सचिव ने कहा कि जी-7 की बैठक में पीएम मोदी के सुझावों एवं बातों को दुनिया के आर्थिक रूप से संपन्न देशों ने गंभीरता से सुना।
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इस बार G-7 शिखर सम्मेलन का मेजबान देश है जर्मनी
जी-7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह है। जर्मनी G7 के अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत के अलावा, G7 शिखर सम्मेलन के मेजबान जर्मनी ने अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को भी वैश्विक दक्षिण के लोकतंत्रों को अपने भागीदारों के रूप में मान्यता देने के लिए अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।