नई दिल्ली : रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धुर विरोधी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की हालत बिगड़ गई है। वह जेल में बंद हैं और बीते करीब तीन सप्ताह से भूख हड़ताल पर हैं। नवलनी रूस में इस वक्त पुतिन के कट्टर आलोचकों में गिने जाते हैं, जो पुतिन पर भ्रष्टाचार सहित कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। इससे पहले वह रूसी प्रशासन पर उन्हें नर्व एजेंट जहर देने का आरोप लगा चुके हैं।
रूसी राजनीति में विरोधियों को जहर देने की कई रिपोर्ट्स विगत कुछ वर्षों में सामने आई हैं और ऐसे में यहां तक कहा जाने लगा है कि विरोधियों के सफाये के लिए यहां उन्हें जहर देना जैसे एक परंपरा बन गई है। नवलनी ने बीते साल अगस्त में उन्हें 'नर्व एजेंट' दिए जाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाना पड़ा था।
रूस विरोधियों का यूं करता है खात्मा!
रूस में यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं था, जब सत्ता विरोधी शख्स को जहर देकर खामोश करने की कोशिश की गई। इससे पहले रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपाल और उसकी बेटी यूलिया को जहर देकर मारने का मामला सुर्खियों में आया था। स्क्रिपाल पर 'डबल एजेंट' होने का आरोप लगा था। स्क्रिपाल और उसकी बेटी यूलिया ब्रिटेन के सैलिसबरी शहर में 2018 में एक बेंच पर बेसुध मिले थे।
पूर्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेंको को भी 'दगाबाजी' के आरोप में 2006 में चाय में जहर देने की बात सामने आई थी। पुतिन के आलोचक रहे एक्टिविस्ट प्योत्र वर्जिलोव को भी सितंबर 2018 में जहर देने की पुष्टि हुई थी। सत्ता की नीतियों का विरोध करने वाले पत्रकार व्लादिमीर कारा मुर्जा को 2015 और 217 में दो बार जहर देने की बात सामने आई है। बताया जाता है कि इसकी वजह से उनकी किडनी फेल हो गई और वह कोमा में चले गए।
जहर जो तंत्रिका तंत्र पर डालता है असर
रूस में विरोधियों के खात्मे के लिए यूं तो कई तरह के जहर के इस्तेमाल की रिपोर्ट्स सामने आती रही हैं, लेकिन इनमें नोवोचोक का जिक्र अक्सर आता है। बताया जाता है कि विघटन से पहले सोवियत संघ के दौर में भी सत्ता में बैठे लोग अपने विरोधियों के खात्मे के लिए इस जहर का खूब इस्तेमाल करते थे, जो सीधे तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है। यह शरीर में धीमे-धीमे असर करता है, जिसका पता भी लोगों को नहीं चल पाता।