- पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में जबरदस्त प्रदर्शन,हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के विरोध में प्रदर्शन
- चीन और पाकिस्तान के विरोध में प्रदर्शन, पीओके में अतिक्रमण का आरोप
- सीपेक के तहत चीन आजादा पट्टन और कोहला प्रोजेक्ट पर कर रहा है काम
नई दिल्ली। पाक अधिकृत कश्मीर के लोग समय समय पर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं। सोमवार की रात बड़ी संख्या में लोग टॉर्च और मशाल के साथ सड़कों पर उतरे और इमरान सरकार के साथ साथ चीन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नीलम-झेलम नदी पर चीनी फर्म के जरिए जो मेगा डैम बनाए जा रहे हैं वो एक तरह से उनके लिए तबाही है।
मुजफ्फरपुर की सड़कों पर प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों के दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ के नारे से पाक अधिकृत कश्मीर को वो शानदार शहर गूंज उठा। प्रद्रशनकारी नारे लगा रहे थे कि नीलम और झेलम को बहने दो, हमें जिंदा रहने दो। मेगा डैम के विरोध में प्रदर्शन मुजफ्फराबाद के साथ साथ दूसरे शहरों में भी हुआ। दरअसल चीन और पाकिस्तान के बीच आजाद पट्टन और कोहला इलाके में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बनाए जाने पर सहमति बनी है।
आजाद पट्टन और कोहला हाइड्रो प्रोजेक्ट पर विवाद
आजाद पट्टन हाइडल प्रोजेक्ट, सीपेक का हिस्सा है और इस प्रोजेक्ट से करीब 700.7 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इस प्रोजेक्ट पर 6 जुलाई 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1.54 बिलियन डॉलर खर्च होंगे जिसे तीन गेझुबा ग्रुप कंपनी कर रही है। इसी तरह से कोहला प्रोजेक्ट को आजाद पट्टन से सात किमी अपस्ट्रीम की तरफ बनाया जा रहा है। इन दोनों प्रोजेक्ट पर 2026 तक काम पूरा किया जाएगा। लेकिन विरोध करने वालों का कहना है कि इसकी वजह से पर्यावरण संकट का सामना करना होगा