नई दिल्ली : पाकिस्तान (Pakistan) में प्राकृतिक संसाधनों एवं जमीन की लूट-खसोट नई बात नहीं है। इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतरते आए हैं। अब गिलगिट-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) के जिलों खासकर हुंजा घाटी (Hunza Valley) में प्राकृतिक संसाधनों की मची लूट के खिलाफ लोगों ने पाकिस्तान के कई शहरों में अपनी आवाज बुलंद की है। स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए काराकोरम राजमार्ग पर प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के अन्य शहरों नसीराबाद, इस्लामाबाद एवं कराची में भी विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। गिलगिट-बाल्टिस्तान के स्थानीय लोगों का आरोप है कि गैर-स्थानीय कंपनियां उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन और उनकी जमीनें हड़प रही हैं।
खनिज सचिव के खिलाफ प्रदर्शन
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नसीराबाद हुंजा के लोगों ने खनिज सचिव असिफुल्लाह के इस विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था। असिफुल्लाह पर आरोप है कि उन्होंने नसीराबाद के लोगों एवं बुजुर्गों के शिष्टमंडल का अपमान किया और उन्हें धमकियां दीं। काराकारोम राजमार्ग पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। महिलाएं और बच्चे अपने हाथों में नारे लिखे प्लेकार्ड्स एवं पोस्टर ले रखे थे। इन तख्तियों पर जीबी मिनरल्स, खनन विभाग के अधिकारियों एवं गैर-स्थानीय खनिज कंपनी के मालिक मोहमंद दादा के खिलाफ नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारी अधिकारियों को उनके पदों से हटाने की मांग कर रहे थे। लोग मोहमंद के अवैध पट्टे को रद्द करने की मांग भी कर रहे थे।
इस्लामाबाद में नेशनल प्रेस क्लब के सामने विरोध
इस्लामाबाद में नेशनल प्रेस क्लब के सामने भी प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में गिलगिट- बाल्टिस्तान के विभिन्न युवा संगठन एवं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शामिल हुए। यहां लोगों ने नसीराबाद के लोगों के साथ एकजुटता जाहिर की। अवामी वर्कर्स पार्टी के नेता बाबा जान, सिविल सोसायटी बाल्टिस्तान के नेता नजफ अली, गिलगिट-बाल्टिस्तान यूथ फोरम के एडवोकेट जाहिद जमाल, ऑल बाल्टिस्तान मूवमेंट के कामरान वजीरी सहित सिविल सोसायटी के लोगों एवं नेताओं ने लोगों को संबोधित किया।
गैर-स्थानीय निवेशकों पर आरोप
लोगों ने कहा कि सरकार एवं प्रधानमंत्री लोगों से अपनी जमीनें एवं संसाधनों को न बेचने की अपील कर रहे हैं। एटाबाद लेक के आस-पास निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है तो दूसरी ओर गैर स्थानीय निवेशकों को सरकार प्रोत्साहित एवं उन्हें संरक्षण दे रही है। ये कंपनियां गरीब लोगों की जमीनें खरीद रही हैं। लोगों के चारागाहों एवं पर्यटन स्थलों पर कब्जा जमाया जा रहा है।