- चीन के साथ सीमा पर तनाव बनने के बाद क्वाड समूह की है यह पहली बैठक
- क्वाड समूह में चार देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं
- इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रमकता के खिलाफ बन सकती है रणनीति
तोक्यो : हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की बैठक मंगलवार को तोक्यो में होने जा रही है। समझा जाता है कि इस बैठक में चार देशों के विदेश मंत्री ' एक मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की महत्ता पर जोर देंगे।' इस बैठक में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर जापान पहुंच चुके हैं। ये चारों देश इस समूह के जरिए चीन की आक्रामकता का जवाब देना चाहते हैं।
बैठक में क्षेत्रीय मुद्दों पर होगी चर्चा
विदेश मंत्रियों की यह बैठक स्थानीय समयानुसार शाम पांच बजे होनी है। इस बैठक में क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होनी है। इसके अलावा चीन की आक्रमकता को जवाब देने के लिए अपने अगले कदमों के बारे में ये चारों देश चर्चा कर सकते हैं। ये सभी देश हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव से चिंतित हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब सीमा पर चीन के साथ भारत का तनाव चल रहा है। सीमा पर गतिरोध बनने के बाद क्वाड समूह की यह पहली बैठक है।
समूह में शामिल हैं भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान
बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मैरिसे पाइने और जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी शामिल होंगे। जापान के अधिकारियों ने कहा है कि विदेश मंत्री कोविड-19 महामारी के प्रभाव और व्यापक सुरक्षा एवं आर्थिक सहयोग के लिए ‘स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत’पहल पर चर्चा करेंगे।
दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है चीन
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर सहित पश्चिमी एवं मध्य प्रशांत महासागर और हिंद महासागर को शामिल किया जाता है। चीन लंबे समय से दक्षिण चीन सागर अपना दावा करता आया है। वह पिछले कुछ समय से हिंद महासागर में भी अपनी गतिविधियां बढ़ाने में जुटा है। इससे अबाध सौमुद्रिक नौवहन की वैश्विक अवधारणा को चुनौती मिल रही है। चीन की आक्रामकता पर दक्षिण चीन सागर के देश वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।