- भारत में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अमेरिका में प्रदर्शन हुए थे
- खालिस्तानी अलगाववादियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया था
- अमेरिकी व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने घटना के बाद अब बयान जारी किया है
वाशिंगटन : भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अमेरिका में भी बीते सप्ताह प्रदर्शन हुए थे। यहां भारतीय दूतावास के बाहर 12 दिसंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान 'खालिस्तान के झंडे' दिखाए गए तो महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनी ने अब इस घटना को दुखद करार देते हुए कहा कि महात्मा गांधी प्रतिष्ठा का सम्मान किया जाना चाहिए।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बारे में किए गए सवाल के जवाब में कहा, 'किसी भी प्रतिमा या स्मारक को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए, खासकर गांधी की प्रतिमा को तो बिल्कुल नहीं, जो शांति, न्याय और स्वतंत्रता जैसे उन मूल्यों के लिए लड़े, जिसका प्रतिनिधित्व अमेरिका करता है।'
मैकेननी ने कहा, 'महात्मा गांधी प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की घटना दुखद है। यह और भी तकलीफदेह है कि ऐसी घटना एक बार से अधिक हुई। हमारा मानना है कि महात्मा गांधी की प्रतिष्ठा का सम्मान किया जाना चाहिए, खासकर यहां अमेरिका की राजधानी में।'
अमेरिका में हुए थे हिंसक प्रर्दशन
व्हाइट हाउस का यह बयान भारत में हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर 12 दिसंबर को सिख-अमेरिकी युवाओं के एक प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी अलगाववादियों के एक हिंसक समूह द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद आया है।
भारतीय दूतावास ने इस घटना को लेकर अमेरिकी प्रशासन से कड़ा प्रतिरोध जताया है। दूतावास ने इस मसले को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के साथ भी उठाया मामले की जांच तथा दोषियों को के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वे वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने हुए हालिया प्रदर्शन की घटना से अवगत हैं और वे अमेरिका में विभिन्न विदेशी मिशन को सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं। इसे लेकर वे भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में हैं।