- अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका की वार्षिक रिपोर्ट आई है
- इस रिपोर्ट में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का बयान आया है
- ब्लिंकन ने कहा है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक पर हमले बढ़े
वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बड़ा दावा किया है। ब्लिंकन ने गुरुवार को कहा कि अलग-अलग आस्थाओं के केंद्र भारत में धार्मिक स्थलों पर लोगों पर हमले बढ़े हैं। अमेरिका में जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2022 में ब्लिंकन ने यह बयान दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा है, 'कुछ सरकारें ईशनिंदा कानूनों का इस्तेमाल कर रही हैं। कुछ ने धार्मिक पहनावे पर प्रतिबंध लगाकर धार्मिक स्वतंत्रता को कम करने की कोशिश की है। अमेरिका-यूरोप सहित सभी समाजों में नफरत के रूपों को हराने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है।'
ईशनिंदा करने पर पाक में 16 लोगों को फांसी की सजा
पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का जिक करते हुए ब्लिंकन ने कहा, 'पाकिस्तान में 2021 में कम से कम 16 लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगा और कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई लेकिन लोगों को ये मौत की सजा होनी बाकी है...भारत जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विविध आस्थाओं का केंद्र है, यहां हम देख रहे हैं धार्मिक स्थलों पर लोगों पर हमले बढ़े हैं।'
धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी कांग्रेस की वार्षिक रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी कांग्रेस की यह वार्षिक रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट देशों में धार्मिक आजादी की स्थिति बताती है। इस रिपोर्ट में धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ सरकार की नीतियों, धार्मिक संगठनों, धार्मिक दबदबे एवं व्यक्तियों का जिक्र होता है। रिपोर्ट में दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए अमेरिकी नीतियों के बारे में बताया जाता है।
भारत ने खारिज की अमेरिकी रिपोर्ट, धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर की गई है खिलाफ में टिप्पणी
अमेरिकी दूतावास अपने देश को भेजते हैं रिपोर्ट
अमेरिका का विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता एक्ट 1998 के अनुरूप इस रिपोर्ट को तैयार करता है। विभिन्न देशों में स्थित अमेरिकी दूतावास धार्मिक स्वतंत्रता पर सरकारी अधिकारियों, धार्मिक समूह, गैर-सरकारी संस्थाओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, मीडियो एवं अन्य लोगों से बात कर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है और फिर उसे अमेरिका भेजता है।