- काबुल में राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाकर दागे गए तीन रॉकेट
- रॉकेट हमले के वक्त राष्ट्रपति घनी लोगों के साथ नमाज पढ़ रहे थे
- गृह मंत्रालय ने कहा कि शुरुआती जांच में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है
काबुल : ईद उल अजहा (बकरीद) के मौके पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन को रॉकेट को निशाना बनाया गया। गनीमत ये रही कि ये रॉकेट अपने निशाना चूक गए। राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाकर जिस समय हमले हुए उस समय बकरीद की नमाज पढ़ी जा रही थी। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। रायटर्स न्यूज एजेंसी ने स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमल के पीछे कौन है।
राष्ट्रपति ने नमाज पढ़ना जारी रखा
स्थानीय टीवी फुटेज में दिखाया गया कि जिस समय रॉकेट से हमले और धमाके हो रहे थे उस समय राष्ट्रपति अशरफ ने नमाज पढ़ना जारी रखा। राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट से ये हमले सुबह आठ बजे के करीब हुए। राष्ट्रपति भवन के आस-पास का इलाका ग्रीन जोन में स्थित है और यहां अमेरिका सहित कई देशों के दूतावास स्थित हैं।
नमाज पढ़ने के बाद घनी ने भाषण दिया
नमाज पढ़ने के बाद राष्ट्रपति घनि ने वहां भाषण भी दिया जिसे स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया। अफगानिस्तान में मंगलवार से बकरीद की छुट्टियां शुरू हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति भवन के पास एक के बाद एक तीन रॉकेट गिरे। रॉकेट विस्फोट की आवाज दूर तक सुनाई पड़ी।
काबुल शहर के कई हिस्सों में गिरे रॉकेट
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्तनेकजई ने कहा, 'आज अफगानिस्तान के दुश्मनों ने काबुल शहर के कई हिस्सों में रॉकेट से हमले किए। ये तीनों रॉकेट अलग-अलग हिस्सों में गिरे। अभी जो शुरुआती जांच रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।' यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाया गया है। इसके पहले भी इसे निशाना बनाते हुए हमले हो चुके हैं।
तालिबान और अफगान बलों में संघर्ष जारी
राष्ट्रपति भवन पर पिछला हमला गत दिसंबर में हुआ था। राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट के हमले ऐसे समय हुए हैं जब कई प्रांतों में अफगान सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच संघर्ष चल रहा है। अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी शुरू होने के बाद तालिबान ने देश के बड़े इलाके पर अपना नियंत्रण कर लिया है। देश में शांति स्थापित करने को लेकर तालिबान की अफगान सरकार के साथ दोहा में दो दौर की असफल वार्ता हुई है। दुनिया के करीब 15 देशों ने बकरीद के मौके पर तालिबान से सीजफायर करने की अपील की है।