- यूक्रेन को लेकर अमेरिका-रूस में तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा
- एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 फरवरी को यूक्रेन पर हमला हो सकता है
- यूक्रेन संकट के बीच कई उड़ानों को रद्द व डायवर्ट कर दिया गया है
Ukraine crisis: अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों की बातचीत के बाद भी यूक्रेन का संकट गहराता जा रहा है। अमेरिका जहां आशंका जता रहा है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है, वहीं एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस यूक्रेन पर 16 फरवरी को हमला कर सकता है। बढ़ते तनाव के बीच कई एयरलाइंस कंपनियों ने यूक्रेन जाने वाली उड़ानों को या तो रद्द कर दिया है या उनका मार्ग परिवर्तित कर दिया है।
16 फरवरी को हमला करेगा रूस!
यूक्रेन पर तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को फोन पर लगभग 1 घंटे बातचीत की थी, जिसके बाद अमेरिकी अधिकारियों की ओर से कहा गया कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर इतने सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है, जो हमले के लिए काफी है और वह किसी भी वक्त ऐसा कर सकता है। व्हाहट हाउस की ओर से जारी बयान में रूस को चेताया भी गया कि अगर ऐसा होता है इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे।
अमेरिका ने हालांकि इस मसले पर द्विपक्षीय आपसी तनाव को दूर करने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रखने की बात कही, पर साथ ही यह भी कि कहा कि वह हर परिस्थति के लिए तैयार है। इन सबके बीच ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस 16 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने वाला है। बढ़ते तनाव के बीच कनाडा सहित कई देशों ने यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित अपने दूतावास को पहले ही बंद कर दिया है तो कर्मचारियों को भी वापस बुला लिया है। वहीं अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से आई कुछ रिपोर्ट्स में यह तारीख 20 फरवरी भी बताई गई है।
तनाव का उड़ानों पर असर
यूक्रेन लेकर जारी अफरातफरी के बीच अब कई एयरलाइंस ने अपनी उड़ान सेवाओं को रद्द किया है या फ्लाइट्स को डायवर्ट कर दिया है। इनमें नीदरलैंड्स की विमानन कंपनी KLM भी शामिल है, जिसने अगली सूचना तक यूक्रेन जाने वाली अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने की जानकारी दी है। वहीं, यूक्रेन की विशेष विमानन कंपनी स्काईअप ने रविवार को कहा कि पुर्तगाल के मदेरा से कीव जाने वाली उड़ानें मोल्दोवा की राजधानी चिशिनाउ की ओर डायवर्ट कर दी गई हैं।
बड़ा सवाल- पुतिन यूक्रेन पर करेंगे हमला ! भारत पर क्या होगा असर
यूक्रेन पर मंडराते युद्ध के बादल और देश के वायुक्षेत्र में खतरे की आशंका के बीच उड़ानों की रद्द करने के फैसले को 2014 की उस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र के ऊपर से गुजरते हुए एक मलेशियाई विमान को मार गिराया गया था। इस घटना में विमान में सवार सभी 298 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें नीदरलैंड्स के 198 नागरिक शामिल थे।
राष्ट्रपति ने मांगे साक्ष्य
वहीं तनाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने रूसी हमले को लेकर देशवासियों के मन में व्याप्त चिंताओं को कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि रूसी हमले को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, जिनमें तारीख तक का ऐलान कर दिया गया है। अगर किसी के पास इस बारे में पुख्ता जानकारी है, वह यूक्रेन की सरकार के साथ साझा करे, ताकि वह देश की जनता को इस बारे में बता सकें और उनसे बात कर सकें।
इस मामले को लेकर बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका आरोप लगाता रहा है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1 लाख से अधिक सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है, जबकि उसके 30 से अधिक युद्धपोत भी काला सागर में अभ्यास कर रहे हैं। जवाब में अमेरिका ने भी हमले की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए टॉमहॉक मिसाइलों से लैस चार अन्य युद्धपोतों को पूर्वी यूरोप के लिए रवाना किया है। अगर यह तनाव कम नहीं होता है यूरोप बड़े संकट में घिर सकता है।