- पोलैंड को गैस सप्लाई बुधवार सुबह 8 बजे से बंद हो जाएगी।
- इस बीच पुतिन की मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ मुलाकात हुई।
- यूक्रेन पर हमले के बाद रूस कई तरह के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
Russia-Ukraine War: 24 फरवरी से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध की आंच अब दूसरे देशों पर भी पड़ने लगी है। रूस ने दबाव बनाने के लिए पोलैंड और बुल्गारिया को आज (बुधवार) से गैस सप्लाई रोकने का ऐलान कर दिया है। उसने यह कदम दोनों देशों द्वारा रूबल में व्यापार नहीं करने के फैसले के बाद उठाया है। इसके पहले पश्चिमी देश SWIFT के जरिए रूस से लेन-देन को प्रतिबंधित कर चुके हैं। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन का समर्थन करने वाले देशों से कहा था कि वह डॉलर और यूरो में पेमेंट करने के बजाय रूबल में कारोबार करें।
8 बजे से बंद हो जाएगी गैस सप्लाई
इस बीच पोलैंड की सरकारी गैस कंपनी, पीजीएनआईजी ने कहा है कि उसे रूसी कंपनी Gazprom द्वारा जानकारी दी गई है। कि यमल-यूरोप पाइपलाइन के जरिए उसको मिलने वाली गैस सप्लाई बुधवार सुबह 8 बजे से बंद हो जाएगी। इसी तरह की सूचना बुल्गारिया को भी दी गई है। बुल्गारिया के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि तुर्कस्ट्रीम पाइपलाइन के जरिए बुल्गारिया को रूसी गैस की आपूर्ति बुधवार को बंद हो जाएगी।
यूरोपीय देश, रूस से बड़ी मात्रा में गैस का आयात करते हैं। और करीब 40 फीसदी जरूरतें रूस के जरिए पूरी होती हैं। इसके तहत घरों को गर्म करने, बिजली और ईंधन उद्योग के लिए बड़ी मात्रा में रूसी प्राकृतिक गैस का आयात किया जाता है। दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध के बावजूद यूरोप के देशों का रूस से आयात जारी है। यूरोपीय देश 60 प्रतिशत आयात राशि का भुगतान यूरो में और शेष डॉलर में करते हैं। भारी आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे पुतिन रूबल में लेन-देन कर करंसी को मजबूत करना चाहते हैं। इस बीच यूरोपीय देशों के नेताओं ने कहा है कि वह रूबल के जरिए कारोबार नहीं करेंगे। रूस की शर्त कारोबारी समझौतों का उल्लंघन करती है।
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UN प्रमुख से मिले पुतिन
इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ मुलाकात हुई। इस बैठक के बाद पुतिन ने कहा कि पिछले महीने तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के दौरान अहम प्रगति हुई थी। लेकिन इस्तांबुल में हुए कुछ समझौतों से बाद में यूक्रेन ने हाथ खींच लिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों ने क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों की स्थिति के मुद्दे पर अपना रुख बदल लिया है। और इन मुद्दों को दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के लिए चर्चा के वास्ते छोड़ दिया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के रुख में बदलाव से भविष्य में कोई समझौता कठिन होगा।