Thermobaric weapon and Russia Ukraine war: रूस के साथ जारी जंग के बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि उसके खिलाफ थर्मोबैरिक हथियारों और क्लस्टर बमों का इस्तेमाल रूसी सेना कर रही है। उन्होंने इसे क्रूरता करार देते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय संधि द्वारा प्रतिबंधित होने के बावजूद रूस प्रतिबंधित युद्ध सामग्री का इस्तेमाल कर रहा है। इन्हें पारंपरिक हथियारों की तुलना में कहीं अधिक घातक बताया जाता है। ये ऑक्सीजन को निगलने वाली आग का गोला बनाते हैं, जो आसपास मौजूद किसी भी जीवित प्राणी से हवा को अवशोषित कर लेता है।
थर्मोबैरिक हथियारों की तैनाती आम तौर पर रॉकेट या बम के रूप में की जाती है। इनमें जहरीली धातुओं और ऑक्सीडेंट युक्त कार्बनिक पदार्थ सहित कई किस्म के ईंधनों का इस्तेमाल किया जाता है। सैन्य लक्ष्यों के लिए जब इसका इस्तेमाल होता है तो इसमें भरा विस्फोटक ईंधन का एक बड़ा गोला छोड़ता है, जो आसपास की हवा में मौजूद ऑक्सीजन के संपर्क में आकर एक उच्च तापमान वाली आग का गोला बनाता है। यह आसपास मौजूद किसी भी जीवित प्राणी से हवा को अवशोषित कर लेता है।
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ऑक्सीजन के बगैर तड़प सकते हैं लोग
थर्मोबैरिक बम के इस्तेमाल के विनाशकारी दुष्परिणाम होते हैं। खुली जगह में इसका इसर और अधिक होता है, जबकि अगर इसका असर बंकरों या अन्य भूमिगत स्थानों तक होता है तो वहां मौजूद लोगों को ऑक्सीजन की भारी कमी हो सकती है और लोग ऑक्सीजन के लिए तड़प सकते हैं। इसके विस्फोट की स्थिति में आसपास मौजूद इंसानों या किसी अन्य तरह के जीवों के बचने या उसके प्रभाव में नहीं आने की संभावना न के बराबर रहती है।
एक निश्चित स्थान में थर्मोबैरिक विस्फोट से उन्हें सबसे अधिक नुकसान होता है, जो इसके इग्निशन बिंदु के करीब होते हैं। इसकी चपेट में आने वालों को कई आंतरिक व अदृश्य चोटें भी आ सकती हैं। ईयरड्रम्स का फटना, कान के आंतरिक हिस्सों को नुकसान, गंभीर चोट, शरीर के अंदरूनी अंगों का फटना, फेफड़ों को नुकसान या फिर अंधापन जैसी समस्या भी इसकी वजह से हो सकती है।
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इन हथियारों पर क्या कहते हैं नियम
सैन्य लक्ष्यों को लेकर जहां क्लस्टर युद्ध सामग्री को अंतरराष्ट्रीय संधि द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, वहीं थर्मोबैरिक हथियारों पर प्रतिबंध को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन ऐसे कई नियम हैं, जो युद्ध में इन हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ तर्क देते हैं। यही वजह है कि यूक्रेन ने अपने खिलाफ रूस द्वारा थर्मोबैरिक हथियारों और क्लस्टर बमों के इस्तेमाल का दावा करते हुए इन्हें क्रूरता व मानवीय कानून के प्रमुख सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है।