- यूक्रेन के सुमी में फंसे हैं अभी भी सैकड़ों भारतीय छात्र
- Ukraine स्थित दूतावास ने कहा सुरक्षित वापसी के लिए जारी हैं प्रयास
- लगभग 300 भारतीय खारकीव में, 700 सुमी में हैं - विदेश मंत्रालय
Indian Students in Ukraine, Sumi: यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज 10वीं दिन है। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को युद्ध प्रभावित देश से निकालने का अभियान तेज किया हुआ और हजारों लोगों को अभी तक सरकार यूक्रेन से निकाल चुकी है। इस बीच उत्तरपूर्वी शहर सुमी में अभी भी करीब 700 से अधिक भारतीय छात्रों के फंसे होने की खबर है। भारत ने यह भी कहा कि उसे दोनों देशों द्वारा नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से निकलने देने के लिये सुरक्षित गलियारा बनाने के निर्णय पर अमल का इंतजार है। रूस का दावा है कि इन स्टूडेंट्स को यूक्रेन ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है, वहीं यूक्रेन कह रहा है कि रूस द्वारा हमला किए जाने की वजह से छात्रों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। इस बीच सुमी में भारतीय छात्रों को लेकर यूक्रेन स्थित दूतावास ने ट्वीट किया है।
भारतीय दूतावास का ट्वीट
भारतीय दूतावास ने ट्वीट करते हुए कहा, 'सुमी में नागरिकों को सुरक्षित और सुरक्षित रूप से निकालने के लिए सभी संभावित उपायों पर विचार किया जा रहा है। रेड क्रॉस सहित सभी वार्ताकारों के साथ निकासी और निकास मार्गों की पहचान पर चर्चा की। जब तक हमारे सभी नागरिकों को बाहर नहीं निकाला जाता, तब तक नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेगा। सुरक्षित रहें, हिम्मत रखें।'
विदेश मंत्रालय की अपील
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा मुख्य जोर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने पर है तथा हम रूस एवं यूक्रेन से स्थानीय संघर्ष विराम सहित अन्य रास्ते तलाशने का आग्रह करते हैं ताकि अपने शेष नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन के संघर्ष वाले इलाकों से निकाल सकें। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि लगभग 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में हैं । करीब 900 नागरिक पेसोचिन में थे जिनमें से अनेक को पांच बसों से बाहर निकाला गया है।
छात्रों की गुहार
दरअसल सुमी में फंसे कुछ भारतीय छात्रों ने मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। तेजी से खत्म होते भोजन और पानी को देखते हुए यह छात्र हर घंटे अपने बारे में जानकारी दे रहे हैं और सहायता के लिए सरकार से गुहार लगाते हुए कह रहे हैं कि इससे पहले कि स्थिति बदतर हो जाए और वे “शव में बदल जाएं”, सरकार को उन्हें बचाना चाहिए। एक छात्रा राधिका सांगवान ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, 'मैं यूक्रेन के सुमी में एक छात्र हूं। सुमी में 700 से 800 छात्र हैं। हमले का यह सातवां दिन है और हमें निकालने के प्रयास की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। तनाव, भय और परेशानी ने हमें घेरा हुआ है। कृपया मदद करें।' एक अन्य छात्रा महक शेख ने आठ सेकंड का एक वीडियो डाला और शहर में एक धमाके जैसी घटना के बारे में बताया।
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