- सऊदी अरब का 10 अरब डॉलर की प्रस्तावित ऑइल रिफाइनरी ग्वादर में ना लगाने का फैसला
- सऊदी अरब ने फरवरी 2019 में इस प्रॉजेक्ट के लिए समझौते पर दस्तखत किए थे
- सऊदी अरब के इस फैसले से चीन और पाकिस्तान दोनों को बड़ा झटका लगा है
सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने पाकिस्तान (Pakistan)को ऐसा जोर का झटका दिया जिसकी मार उसपर काफी गहरी पड़ने वाली है बताया जा रहा है कि उसने पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह (Gwadar Port) पर बनने वाली तेल रिफाइनरी अब नहीं बनाने का फैसला लिया है, सऊदी अब यह प्रोजेक्ट ग्वादर की जगह कराची में बनाने पर विचार कर रहा है ऐसा कहा जा रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान के ऊर्जा और तेल मामलों के विशेष सलाहकार ताबिश गौहर ने कहा था कि सऊदी अरब अब ग्वादर में तेल रिफाइनरी का निर्माण नहीं करेगा उनके मुताबिक सऊदी अरब अब कराची के पास स्थित एक पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स में तेल रिफाइनरी का निर्माण करेगा और बकौल ताबिश अगले पांच साल में यह रिफाइनरी बनकर तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
गौर हो कि सऊदी अरब ने फरवरी 2019 में इस प्रॉजेक्ट के लिए समझौते पर दस्तखत किए थे वहीं कहा जा रहा है कि प्रॉजेक्ट कराची शिफ्ट करने का फैसला ग्वादर में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को दिखाता है।
इस फैसले के पीछे कहीं रूस तो नहीं बड़ी वजह!
पाक में ये संकेत निकाले जा रहे हैं कि इसके पीछे रूस बड़ी वजह हो सकता है, पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र में रूस भी निवेश की बात कर रहा था और शायद इसीलिए सऊदी अरब पीछे हट गया है गौर हो कि फरवरी 2019 में ही रूस ने भी अलग-अलग ऊर्जा परियोजनाओं में खासा पैसा लगाने का वादा किया था मगर इन पर काम नहीं हुआ।
फैसले से चीन और पाकिस्तान दोनों को बड़ा झटका
सऊदी अरब के इस फैसले से चीन और पाकिस्तान दोनों को बड़ा झटका लगा है, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा या चीन का बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव मेगा-इन्वेस्टमेंट हब के तौर पर ग्वादर को प्रमोट करने में नाकामयाब रहा है ऐसा माना जा रहा है।