वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं कि जहां तक वो समझते हैं उसके मुताबिक साइंस के जरिए जलवायु परिवर्तन का मुकाबला नहीं किया जा सकता है। उनका मानना है कि धरती जल्द ही और ठंडी हो जाएगी। आखिर ट्रंप को इस तरह के बयान देने की जरूरत क्यों पड़ी। दरअसल उनसे कैलिफोर्निया के जंगलों के बारे में न सिर्फ सवाल किया गया बल्कि कुछ तथ्य बताने की कोशिश की गई।
कैलिफोर्नियन से रूबरू हो रहे थे ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि कैलिफोर्निया के जंगलों को बचाने के लिए वो कंधा से कंधा मिलाकर चलेंगे। हर तरीके से सहयोग देंगे। लेकिन हमें समझना होगा कि बालू में अपने सिर को गाड़कर सिर्फ साइंस के जरिए क्लाइमेट चेंज का मुकाबला नहीं कर सकते। वो मानते हैं कि वातावरण में धीरे धीरे ठंडी आएगी। आप सब लोग सिर्फ देखते जाइए। ट्रंप ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं साइंस आप लोगों की बातों पर खरी उतरे। लेकिन वो ऐसा नहीं सोचते।
तुकबंदी के जरिए दिया जवाब
डोनाल्ड ट्रंप ने तुकबंदी के जरिए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कैलिफोर्निया के लोगों को चिंता में वो भी भागीदार हैं। लेकिन यह तो सच है कि गरम चीजें और गरम हो रही हैं, जो सूखा है वो और सूखा होता जा रहा है कैलिफोर्निया के गवर्नर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों से असहमति हो सकती है। लेकिन क्लाइमेट चेंज की सच्चाई को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर दुनियाभर के नेता मिलते जुलते रहे हैं लेकिन जमीन पर क्या हुआ इसका जवाब तो मिलना ही चाहिये।
क्लाइमेट चेंज की नीति पर विचार करने की जरूरत
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इसमें दो मत नहीं कि दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती है। लेकिन हमें यह देखना होगा कि हम इस लड़ाई में कितना कामयाब हुए हैं। हमें यह देखना होगा कि हम सबकी साझा कोशिश किस हद तक इस परेशानी से निकलने का रास्ता दे रही है। अगर कुछ पुख्ता नतीजे सामने नहीं आ रहे हैं तो विचार करना ही होगा। बता दें कि कैलिफोर्निया के जंगलों में अक्सर आग लगती रहती है और यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बड़ा मुद्दा भी बनता है।