- अमेरिका ने एक बार फिर चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ ज्यादती को लेकर आवाज बुलंद की है
- अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ'ब्रायन के मुताबिक, चीन उइगर महिलाओं के सिर मुंडवा कर हेयर प्रोडक्ट्स बना रहा है
- उन्होंने कहा कि शिनजियांग में जो हो रहा है अगर उसे जनसंहार नहीं कहा जा सकता तो यह उसके बेहद करीब है
वाशिंगटन : अमेरिका, चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के साथ होने वाली 'ज्यादती' को लेकर कई बार चिंता जता चुका है। इस संबंध में उसने कई रिपोर्ट्स का हवाला दिया है और बताया कि किस तरह उनकी पहचान, संस्कृति को मिटाया जा रहा है और उन्हें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांतों के अनुसरण के लिए बाध्य किया जा रहा है। अमेरिका ने कहा है कि चीन शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ जो कुछ भी कर रहा है, वह किसी 'जनसंहार' से कम नहीं है और अगर इसे 'जनसंहार' नहीं कहा जा सकता तो यह काफी हद तक उसी जैसा है।
चीन के खिलाफ यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन ने की है। शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के साथ चीनी दुर्व्यवहार को लेकर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'शिनजियांग में जो कुछ भी हो रहा है, उसे अगर जनसंहार नहीं कहा जा सकता तो यह काफी हद तक उसी जैसा है।' इस दौरान उन्होंने हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को कुचलने के लिए उठाए गए चीनी कदमों का भी जिक्र किया और उसकी आलोचना की।
उइगर महिलाओं से ज्यादती
अमेरिका पहले भी शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के साथ ज्यादती को लेकर खुले तौर पर चीन की आलोचना कर चुका है। हालांकि इससे पहले इसने इसके लिए 'जनसंहार' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। ओ'ब्रायन ने यह भी कहा कि शिनजियांग में चीनी प्रशासन उइगर मुस्लिम महिलाओं के सिर मुंडवा रहा है और हेयर प्रोडक्ट्स बनाकर इन्हें अमेरिका भेज रहा है।
इससे पहले जून में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा था कि चीन शिनजियांग में उइगर मुसलमानों की जबरन नसबंदी करा रहा है और महिलाओं को गर्भपात के लिए मजबूर किया जा रहा है तथा उन पर परिवार नियोजन के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के मुताबिक, शिनजियांग में चीन ने 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को नजरबंद किया है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक, उइगर मुसलमानों के साथ नजरबंदी शिविरों में जिस तरह का दुर्व्यवहार हो रहा है, वह मानवता के खिलाफ अपराध है और यह जनसंहार जैसा है। हालांकि चीन ने इससे इनकार किया है और इन शिविरों को प्रशिक्षण केंद्र बताया है। उसका कहना है कि इन शिविरों की स्थापना उसने चरमपंथ से लड़ने के लिए की है।