केप टाउन : दक्षिण अफ्रीका में राजधानी केप टाउन स्थित संसद भवन में रविवार को आग लग गई, जिसमें नेशनल असेम्बली पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें संसद भवन से धुएं का गुबार उठता देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि दमकलकर्मी छह घंटे से अधिक समय तक आग पर काबू पाने की कोशिशें करते रहे, लेकिन नेशनल असेम्बली को नहीं बचाया जा सका।
समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने इस भीषण अग्निकांड में नेशनल असेम्बली के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। यहां आग स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 6 बजे लगी थी, जब भारत में सुबह के 9 बज रहे थे। बताया जा रहा है कि इमारत में आग लगने की स्थिति में चेतावनी को लेकर कई अलार्म लगाए गए हैं, लेकिन संसद भवन में आग लगने के बाद भी अलार्म नहीं बजा।
इमारत में अलार्म आग लगने की घटना के बाद बजा। हालांकि इससे पहले ही कर्मचारी मौके पर पहुंच चुके थे। अग्निकांड की जानकारी मिलने पर राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने बताया कि अग्नमिशमन कर्मचारी आग लगने की घटना के छह मिनट के भीतर घटनास्थ्ल पर पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि इमारत का फायर सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिस वजह से स्प्रिंकलर से पानी भी नहीं गिरा।
देखते ही देखते फैल गई आग की लपटें
पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आग किस तरह लगी, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। फिलहाल घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यहां छुट्टियां थीं और संसद का सत्र भी नहीं चल रहा था। वरना बड़े पैमाने पर क्षति हो सकती थी। अधिकारियों का कहना है कि आग इमारत की तीसरी मंजिल से शुरू हुई, जिसने देखते ही देखते पूरी नेशनल असेम्ली को अपनी चपेट में ले लिया।
अग्निशमन कर्मचारियों के मुताबिक, संसद भवन इमारत में फर्श लकड़ी के बने थे और यहां कारपेट भी बिछे थे, जिसके कारण आग तेजी से फैली और इसे बुझाने में घंटों मशक्कत के बाद भी उम्मीदों के मुताबिक परिणाम नहीं मिला।
यहां गौर हो कि दक्षिण अफ्रीका का संसद भवन तीन हिस्सों में बना है। सबसे पुराना हिस्सा 1884 में बनाया गया था। इसके बाद 1920 और 1980 के दशक में भी संसद के क्रमश: दो अलग-अलग हिस्से बनाए गए थे। नेशनल असेंबली इस नए बनाए हिस्से में ही था। नेशनल असेंबली दक्षिण अफ्रीका की दो सदनीय संसद व्यवस्था में निचला सदन है, जिसमें करीब 400 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। इसके सदस्य हर पांच साल पर जनता द्वारा सीधे चुने जाते हैं।