नई दिल्ली: सात दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में ईंधन की भारी कमी के बीच श्रीलंका में सैनिकों ने सोमवार को पेट्रोल के लिए कतार में लगे लोगों को टोकन दिए, जबकि कोलंबो में स्कूल बंद कर दिए गए और सरकारी कर्मचारियों को घर से काम (work from home) करने के लिए कहा गया।
रिकॉर्ड निचले स्तर पर अपने विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ये देश भोजन, दवा और सबसे गंभीर रूप से ईंधन के आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
श्रीलंका देश रूस से तेल खरीदने के तलाश रहा विकल्प
वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि उनका देश रूस से तेल खरीदने के विकल्प तलाश रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण ईंधन की भारी किल्लत का सामना कर रहे श्रीलंका के बिजली एवं ऊर्जा मंत्री कंचन विजयशेखरा ने कहा कि सरकार रूस से तेल खरीदने के विकल्प तलाश रही है। उन्होंने कहा, 'हम राजनयिक माध्यमों की तलाश कर रहे हैं। श्रीलंका आने वाला आखिरी जहाज एक रूसी जहाज था। हमारे पहले ऋण पत्र को अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने इसलिए खारिज कर दिया, क्योंकि उस जहाज का स्वामित्व एक रूसी कंपनी के पास था।'
उन्होंने कहा कि दो मंत्री ईंधन और अन्य राजनयिक मामलों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं।
पेट्रोल की कीमत में 50 और डीजल की कीमतों में 60 श्रीलंकाई रुपये की बढ़ोतरी
श्रीलंका सरकार ने पिछले हफ्ते कच्चे तेल की खरीद के लिए रूसी दूतावास द्वारा सुझाई गई कई कंपनियों से संपर्क साधा था।इस बीच श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत में 50 श्रीलंकाई रुपये और डीजल की कीमतों में 60 श्रीलंकाई रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पिछले दो महीनों में तीसरी बार ईंधन की कीमतें बढ़ाई गई हैं।सार्वजनिक क्षेत्र के ईंधन विक्रेता सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी रविवार रात दो बजे से लागू हो गई है। लंका आईओसी ने भी इसी अनुपात में कीमतों में बढ़ोतरी की है।इस बढ़ोतरी के साथ पेट्रोल की कीमत 470 श्रीलंकाई रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 460 श्रीलंकाई रुपये प्रति लीटर हो गई है।