श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच ये इस्तीफा दिया गया है। राजपक्षे ने ट्वीट किया कि मैंने तत्काल प्रभाव से प्रधान मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है। इस्तीफे से पहले राजपक्षे ने जनता से संयम बरतने की और यह याद रखने की अपील की कि हिंसा से केवल हिंसा ही बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक संकट के आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसके लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। राजपक्षे ने ट्वीट किया कि श्रीलंका में भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है, ऐसे में मैं आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने की अपील करता हूं कि हिंसा से केवल हिंसा फैलेगी। आर्थिक संकट में हमें आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसे यह प्रशासन हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इससे पहले श्रीलंका में आज पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया। सरकार समर्थक समूहों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। इस हमले में कम से कम 23 लोग घायल हो गए। शुक्रवार को राष्ट्रपति राजपक्षे ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी। यह दूसरी बार है जब श्रीलंका में लगभग एक महीने की अवधि में आपातकाल घोषित किया गया।
श्रीलंका में फिर से लागू हुआ आपातकाल, राष्ट्रपति गोताबाया ने की घोषणा
वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।
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