- श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दिया
- हिंसा में कोलंबो और अन्य शहरों में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं
- देश में आर्थिक संकट के बीच सोमवार को महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था
Sri Lanka Violence: श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों को लूटपाट या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। दरअसल, भीड़ सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के घरों को निशाना बना रही है। यह आदेश तब आया जब सरकार ने एक दिन की हिंसा के बाद राजधानी कोलंबो और अन्य जगहों पर गश्त के लिए सेना, नौसेना और वायु सेना के हजारों जवानों को तैनात किया है।
पुलिस ने कहा कि हिंसा के दौरान दो पुलिसकर्मियों सहित आठ लोगों की मौत हो गई और 65 घर क्षतिग्रस्त हो गए। चालीस घर जल गए। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि सैकड़ों मोटरसाइकिलों के साथ 88 कारें और बसें नष्ट हो गईं।
संदिग्धों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने के लिए सेना को व्यापक अधिकार देने के लिए श्रीलंका में शुक्रवार से आपातकाल लागू है। हिंसा के बाद देशभर में कर्फ्यू भी लगाया गया। राजधानी के मुख्य अस्पताल ने बताया कि सोमवार को हुए हमलों में 219 लोग घायल हुए और उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया। अन्य छह लोग अन्य जगहों पर हुई हिंसा में घायल हो गए।
मंगलवार दोपहर कोलंबो में शीर्ष पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की गई और गुस्साई भीड़ ने उनके वाहन को आग लगा दी। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने लोगों से हिंसा और बदले की कार्रवाई को रोकने का आग्रह किया। उन्होंने देश समक्ष राजनीतिक और आर्थिक संकट को दूर करने का संकल्प लिया। महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हिंसा के दौरान हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई नेताओं के आवासों में आगजनी की गई।
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वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।
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