- आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने पहुंचाई है मदद
- राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपने भाई को पीएम पद से हटाएंगे
- अब तक के अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है श्रीलंका
Sri Lanka Crisis : विपक्ष एवं लोगों के दबाव के आगे झुकते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। महंगाई एवं आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका में काफी दिनों से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, विपक्ष सहित आम लोग सरकार में बदलाव की मांग कर रहे हैं। यह देश अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। भारी कर्ज के बोझ तले डूबे इस देश में खाने-पीने की चीजों एवं पेट्रोल, डीजल की भयंकर किल्लत हो गई है।
श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने कदम उठाए
इस बीच, श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने कहा है कि ऋण एवं आर्थिक संकट से देश को उबारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा है कि बैंक के लिए सबसे जरूरी विदेशी ऋण को नए तरीके से देखा जाएगा। गवर्नर का कहना है कि देश के आर्थिक संकट पर उनकी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक से बात हुई है। गवर्नर ने अगले दो महीने में आईएमएफ के साथ कुछ बात बनने की उम्मीद जताई है।
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भारत ने की श्रीलंका की मदद
श्रीलंका को उसके मौजूदा हालात से उबारने के लिए भारत ने काफी मदद की है। रिपोर्टों के मुताबिक मार्च के मध्य से भारत श्रीलंका को 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक डीजल और पेट्रोल भेज चुका है। इसके अलावा हाल ही में दी गई एक अरब डॉलर की कर्ज सुविधा के तहत 40 हजार टन अनाज की आपूर्ति की गई है। इस मदद के लिए श्रीलंका ने भारत का आभार जताया है। भारत का कहना है कि यह जितना संभव है श्रीलंका की मदद करता रहेगा।
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तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित
तमिलनाडु विधानसभा में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केन्द्र से आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को तत्काल खाद्य पदार्थ और जीवन रक्षक दवाइयां भेजने के राज्य सरकार के अनुरोध पर गौर करने की अपील की गयी। राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्य की ओर से श्रीलंका को मदद देने की जरूरत पर जोर दिया।