- रूस-यूक्रेन युद्ध बड़ा मानवीय संकट पैदा किया है
- लाखों लोग अपना घर छोड़कर जाने को मजबूर हुए
- लोग रूसी खतरे का सामना करने के लिए भी तैयार हैं
लवीव (यूक्रेन) : रूस-यूक्रेन के बीच जंग के 10वें दिन भी दोनों ओर से भीषण बमबारी और गोलीबारी हुई तो मिसाइलों से भी हमले किए। रूस ने यूक्रेन के सैन्य प्रतिष्ठानों को नेस्तनाबूद किए जाने का दावा किया तो यूक्रेन ने भी रूस के युद्धक हेलीकॉप्टर को मिसाइल इमले में मार गिराने का दावा किया। युद्ध में पलड़ा चाहे जिसका भी भारी हो, सबसे अधिक त्रासदी आम लोगों के लिए हो रही है। यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य इलाकों में रेलवे स्टेशनों पर देश छोड़कर जाने वालों की लंबी लाइन देखी जा रही है तो यहां लोगों को रूसी हमले के परिणामस्वरूप सामने आने वाले खतरे से निपटने के लिए भी तैयार किया जा रहा है।
आम लोगों को ऐसे किया जा रहा तैयार
जंग के बीच रूस के रक्षा मंत्रालय ने कीव में रूसी फौज के दाखिल हो जाने का दावा किया है तो यूक्रेन ने भी अपनी जनता को रूसी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार कर रखा है। यूक्रेन के लवीव में दुकानों के बाहर कुछ खास तरह के पर्चे देखे जा रहे हैं। इसमें एक तरफ रूसी सैन्य वाहनों की तस्वीरें शामिल हैं तो दूसरी तरफ रसायनों से भरे बोतल वाले पेट्रोल बम भी देखे जा रहे हैं। इन पर्चों के जरिये यूक्रेन के लोगों को बताया गया है कि वे कैसे अपनी हिफाजत के लिए ये बम बना सकते हैं और जब कभी वे रूसी सैन्य वाहनों को अपनी तरफ आते देखें या उन्हें उससे खतरे का एहसास हो तो कैसे वे उन वाहनों को इनसे उड़ा सकते हैं।
कीव में हर तरफ तबाही का मंजर, सूमी में फंसे अपने छात्रों को लेकर चिंता में भारत
रूसी हमले के खतरे को देखते हुए यूक्रेन की कई बीयर फैक्ट्रियों में भी पेट्रोल बम बनाए जाने की रिपोर्ट्स आ रही हैं। बताया जा रहा है कि इंजीनियरिंग के कुछ स्टूडेंट्स को इस काम में लगाया है और वे बोतल में केमिकल आदि डालकर बनाए जा रहे बम को आम लोगों को मुहैया करा रहे हैं। दुकानों व अन्य सार्वजनिक स्थानों के बाहर चिपकाए इन पर्चों के जरिये यूक्रेन के लोगों को बताया जा रहा है कि वे किस तरह रूसी वाहनों को निशाना बना सकते हैं। इन बोतलों में भरे रसायनों को रूस के सैन्य वाहनों के लिए काफी खतरनाक बताया जा रहा है। इसके जरिये रूस की बड़ी-बड़ी गाड़ियों को निशाना बनाया जा सकता है। इसके जरिये यूक्रेन के आम शहरी लोगों को भरोसा दिलाया जा रहा है कि वे भी जंग में हिस्सा ले सकते हैं और अपने देश की हिफाजत कर सकते हैं।