- इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
- सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले में अदालत ने पीएम इमरान खान से पूछे तल्ख सवाल
- अदालत की टिप्पणी, आप पूरे देश के पीएम ना कि किसी खास समूह के, जिन्ना कंवेंश्न सेंटर में पीटीआई की मीटिंग का मामला
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कहा करते थे कि सार्वजनिक धन या संपत्ति का दुरुपयोग निजी मामलों में नहीं होना चाहिए। लेकिन जिन्ना कंवेश्न सेंटर में उनकी अपनी पार्टी का जलसा भारी पड़ गया है। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान( Imran Khan) को नोटिस जारी किया। दरअसल अपनी पार्टी के समर्थक वकीलों के एक राजनीतिक कार्यक्रम में पीएम इमरान खान ने हिस्सा लिया था और यह आरोप है कि उस मीटिंग की व्यवस्था के लिए सार्वजनिक खजाने का उपयोग किया गया।
तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के लीगल विंग इंसाफ लायर्स फोरम ने 9 अक्टूबर को इस्लामाबाद के जिन्ना कंवेंश्न सेंटर में आयोजित किया गया था, जिसे इमरान खान ने भी संबोधित किया था। कोर्ट ने कन्वेंशन सेंटर के इन्चार्ज को यह बताने का निर्देश दिया है कि कार्यक्रम के खर्चे का भुगतान किसने किया।पाकिस्तान के समाचार पत्रों के मुताबिक पंजाब सरकार के खिलाफ एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस काजी फैज इसा ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश से वोट लेते हैं। वह पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी खास समूह के। सवाल यह है कि वो सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग क्यों कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बार असोसिएशन के प्रेसिडेंट और पाकिस्तान बार काउन्सिल के वाइस चेयरमैन को अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया है।कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान को भी इस संबंध में सहायता करने के लिए नोटिस जारी किया है। इसके अलावा एडवोकेट जनरल पंजाब और इस्लामाबाद प्रशासन को भी नोटिस जारी किया गया है।