- पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को पलटा
- इमरान खान को वोटिंग का सामने करना होगा
- 9 अप्रैल को सुबह 11 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। डिप्टी स्पीकर के फैसले का असंवैधानिक बताया गया है। पाकिस्तान एसेंबली फिर से बहाल होगी। 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। फैसले से पहले पाकिस्तान के चुनाव आयुक्त कोर्ट रूम में पहुंचे। चुनाव आयोग के सचिव और पाकिस्तान सरकार के AG को भी चीफ जस्टिस ने बुलाया। अदालत में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की तैयारियों के लिए उन्हें कम से कम तीन से चार महीने के वक्त की जरूरत है और वह अक्टूबर 2022 में ही देश में आम चुनाव करा पाने की स्थिति में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले इमरान खान ने बैठक की और उन्होंने कहा कि पार्टी कोर्ट के फैसले को मानेगी। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि प्रधानमंत्री संविधान से बंधे थे, इसलिए वह राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने की सलाह नहीं दे सकते थे। दोपहर में चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की इस टिप्पणी के बाद ही अदालत के फैसले को लेकर संकेत मिलने लगे थे, जिसमें उन्होंने डिप्टी स्पीकर के फैसले को गलत बताया था।
कानून मंत्री फवाद चौधरी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में खामियां हैं। फैसला आने के बाद उन्होंने कहा कि हमें 23 मार्च, 1940 से फिर से स्वतंत्रता संग्राम शुरू करने की आवश्यकता है। उन्होंने विदेशी खतरे पत्र की जांच की घोषणा की।
विपक्ष ने जताई खुशी
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए PPP नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्विटर पर लिखा कि लोकतंत्र सबसे अच्छा बदला है! जिया भुट्टो! जिया अवाम! पाकिस्तान जिंदाबाद। वहीं पीएमएल (एन) के नेता शहबाज शरीफ ने लिखा कि आज झूठ, छल और आरोपों की राजनीति दफन हो गई है। पाकिस्तान के लोग जीत गए हैं!
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था विपक्ष
हाल ही में नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को उपाध्यक्ष द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई थी। उसके उपरांत पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश में आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए असेंबली भंग कर दी थी। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने उपाध्यक्ष के असेंबली भंग करने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को उसे खारिज कर दिया था। कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था।
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