- तालिबान ने पंजशीर घाटी पर अपना पूरी तरह से कब्जा होने का दावा किया है
- एनआरएफ का कहना है कि पंजशीर घाटी के अहम मोर्चों पर अभी वह मौजूद है
- अहमद मसूद ने कहा है कि वह सुरक्षित हैं, उन्होंने लोगों से चिंता नहीं करने की अपील की है
नई दिल्ली : तालिबान ने अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी पर पूरी तरह अपना 'नियंत्रण' होने का दावा किया है। गत 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान पंजशीर घाटी पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहा था लेकिन यहां राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (NRF) और नॉर्दन अलायंस से उसे कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। करीब दो सप्ताह तक दोनों पक्षों में भीषण लड़ाइयां हुईं। इस दौरान तालिबान और एनआरएफ ने एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने के दावे किए। वहीं, एनआरएफ के नेता अहमद मसूद ने कहा है कि 'वह सुरक्षित हैं, उनकी चिंता न करें।'
'युद्ध पूरी तरह से खत्म हुआ'
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जैबिहुल्लाह मुजाहिद ने सोमवार को कहा कि काबुल पर नियंत्रण के तीन सप्ताह बाद पंजशीर घाटी पूरी तरह से संगठन के कब्जे में आ गई है। उन्होंने कहा, 'इस जीत के साथ देश में युद्ध पूरी तरह से खत्म हो गया है।' इससे पहले पंजशीर गवर्नर हाउस के बाहर की तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर में तालिबान के सदस्य गवर्नर हाउस के बाहर खड़े दिखाई दिए।
काबुल एयरपोर्ट पर सेवाओं को बहाल करने का काम जारी
मुजाहिद ने कहा कि 'आक्रमणकारियों' को यह पता होना चाहिए कि वे हमारे देश को खड़ा नहीं कर सकते। प्रवक्ता ने कहा कि कतर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात की तकनीकी टीमें काबुल एयरपोर्ट पर सेवाओं को बहाल करने में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान दुनिया के साथ अच्छे संबंध चाहता है। चीन एक बड़ी आर्थिक शक्ति है। वह अफगानिस्तान के लिए काफी अहम है। विकास के लिए इस देश को चीन की जरूरत है। इसके अलावा 20 सालों तक अफगान बल का हिस्सा रहे सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा विभागों में तैनात होने की पेशकश की जाएगी।
एनआरएफ ने तालिबान के दावे को खारिज किया
हालांकि, तालिबान के इस दावे के एनआरएफ ने खारिज किया है। एनआरएफ का कहना है कि वह पंजशीर घाटी के 'अहम मोर्चों' पर अभी भी कायम है। उसने कहा है कि 'तालिबान और उसके सहयोगियों के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी।' अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह के बारे में भी अटकलें लग रही हैं। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि दोनों देश छोड़कर जा चुके हैं। तालिबान का दावा है कि मसूद देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं।
'तालिबान में इतना दम नहीं कि हमसे मुकाबला कर पाएं'
अपने एक अन्य ट्वीट में मसूद ने कहा है कि हमसे युद्ध तालिबान नहीं लड़ रहे हैं बल्कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उनका नेतृत्व कर रहे हैं। तालिबान में इतनी काबिलियत नहीं है कि वे हमारा मुकाबला कर सकें लेकिन पाकिस्तानी सेना उनकी मदद कर रही है।
मसूद ने युद्ध रोकने के लिए शर्त रखी
सोमवार को एनआरएफ के नेता मसूद ने ट्वीट कर देश में शांति के लिए युद्ध रोकने की पेशकश की। हालांकि उन्होंने इसके लिए शर्त भी रखी। मसूद ने कहा कि वह लड़ाई बंद करने के लिए धार्मिक हस्तियों के आह्वान का स्वागत करते हैं। मसूद का कहना है कि वह भी शांति चाहते हैं। साथ ही एनआरएफ के नेता ने पंजशीर घाटी में युद्ध तत्काल रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल देने की अपील की।